अनिश्चितता के दौर से गुजरती सेन्चुरी पेपर मिल

लालकुंआ/ वैसे तो अनिश्चितता पूंजीवादी एवं साम्राज्यवादी समाजों में लगातार बनी रहती है। निश्चितता केवल इस बात में निहित है कि संकटग्रस्तता की ओर बढ़ता समाज
लालकुंआ/ वैसे तो अनिश्चितता पूंजीवादी एवं साम्राज्यवादी समाजों में लगातार बनी रहती है। निश्चितता केवल इस बात में निहित है कि संकटग्रस्तता की ओर बढ़ता समाज
पंतनगर/ दिनांक 9 अक्टूबर 2023 को गैरकानूनी तरीके से वेतन कटौती से नाराज विश्वविद्यालय पंतनगर में कार्यरत ठेका मजदूर सुरक्षा गार्डों ने एस.आई.एस.
गुड़गांव/ बेलसोनिका यूनियन के पंजीकरण को रद्द करने और यूनियन के तीन पदाधिकारी जिनको मार्च महीने में निलंबित किया था, उन्हें बर्खास्त करने के खिलाफ बेलसोनि
हरिद्वार/ 3 अक्टूबर 2023 को संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा हरिद्वार ने सैकड़ों मजदूरों के साथ जुलूस निकालकर जिलाधिकारी कार्यालय पर एक सभा की। सभा क
रुद्रपुर/ जिला प्रशासन की मध्यस्थता में सम्पन्न हुए समझौता दिनांक 15 दिसम्बर 2022 को लागू कराने को इंटरार्क मजदूरों का आंदोलन जारी है। विदित हो कि वर्ष 2
‘‘वादाखिलाफी जुलूस’’ निकाल कर एस.डी.एम. गुड़गांव को ज्ञापन सौंपा
रुद्रपुर/ विगत वर्ष 2021 एवं वर्ष 2022 में इंटरार्क कंपनी सिडकुल पंतनगर एवं किच्छा जिला उधमसिंह नगर (उत्तराखंड) में कार्यरत मजदूरों का 16 माह लंबा एवं जु
पंतनगर/ दिनांक 24 अगस्त 2023 को जुलाई माह का वेतन भुगतान नहीं होने से गुस्साए गार्डन सैक्सन के ठेका मजदूरों ने सुबह काम बंद कर दिया। मजदूरों ने लम्बित जुलाई माह का वेतन और हर माह क
हल्द्वानी (उत्तराखंड)/ 16 अगस्त की शाम को हल्द्वानी के बनभूलपुरा के इलाके में परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन और प्रगतिशील महिला ए
9 अगस्त को संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया था। इसे क्रियान्वित करते हुए संयुक्त किसान मोर्च
संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।
आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।
पिछले सालों में अमेरिकी साम्राज्यवादियों में यह अहसास गहराता गया है कि उनका पराभव हो रहा है। बीसवीं सदी के अंतिम दशक में सोवियत खेमे और स्वयं सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने जो तात्कालिक प्रभुत्व हासिल किया था वह एक-डेढ़ दशक भी कायम नहीं रह सका। इस प्रभुत्व के नशे में ही उन्होंने इक्कीसवीं सदी को अमेरिकी सदी बनाने की परियोजना हाथ में ली पर अफगानिस्तान और इराक पर उनके कब्जे के प्रयास की असफलता ने उनकी सीमा सारी दुनिया के सामने उजागर कर दी। एक बार फिर पराभव का अहसास उन पर हावी होने लगा।
उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया है। इस संहिता को हिंदू फासीवादी सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही है। संहिता