जलियांवाला बाग कांड की बरसी पर विभिन्न कार्यक्रम
जलियांवाला बाग हत्याकांड इतिहास में दर्ज एक ऐसा अध्याय है जो कि भारतीय जनता के खून से लिखा गया है। ब्रिटिश साम्राज्यवादियों द्वारा 13 अप्रैल, 1919 के दिन पंजाब में अमृतसर के इसी बाग में अंधाधुंध फा
जलियांवाला बाग हत्याकांड इतिहास में दर्ज एक ऐसा अध्याय है जो कि भारतीय जनता के खून से लिखा गया है। ब्रिटिश साम्राज्यवादियों द्वारा 13 अप्रैल, 1919 के दिन पंजाब में अमृतसर के इसी बाग में अंधाधुंध फा
जी-20 की बैठक के समानान्तर जन सम्मेलन
गुड़गांव/ हरियाणा के मानेसर में ऑटो पार्ट्स बनाने वाली बेलसोनिका कंपनी का प्रबंधन लगातार कंपनी में मजदूर विरोधी नीतियां लागू कर रहा है। बेलसोनिका मजदूर यूनियन पिछले दो वर्षों से लगा
आज से 152 साल पहले 18 मार्च, 1871 के दिन पेरिस के मजदूरों ने पूंजीपतियों के स्वर्ग पर धावा बोलते हुये पेरिस कम्यून की स्थापना की थी। यह दुनिया में मजदूरों का पहला राज था, जो कि 72 दिनों तक कायम रहा
भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरू हमारे देश के वो अमर बलिदानी हैं, जो 23 मार्च, 1931 के दिन हंसते-हंसते फांसी के फंदों पर झूल गये थे। अपने देश और समाजवाद के महान उद्देश्य के लिये कुर्बान होने वाले ये महान
हल्द्वानी/ हल्द्वानी के बहुचर्चित रेलवे बनाम बनभूलपुरा अवाम मामले में बस्ती बचाओ संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं पर लगाए झूठे मुकदमों के विरोध में 15 मार्च को बुद्ध पार्क, हल्द्वानी म
आठ मार्च : अंतर्राष्ट्रीय कामगार महिला दिवस मजदूर-मेहनतकश महिलाओं के संघर्षों का प्रतीक दिवस है जो कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है। 1910 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में समा
आजमगढ़/ पूंजीपति वर्ग की सबसे बड़ी हितैषी भाजपा की केन्द्र सरकार व राज्य सरकारें लगातार किसान विरोधी, मजदूर विरोधी, कानून व योजनायें बनाने और उन्हें लागू करने में लगी हुयी हैं। इसी क
हरिद्वार/ उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद में सिडकुल में बहुचर्चित राजा बिस्किट कंपनी में 17 साल काम कराने के बाद मालिक और प्रबंधन स्थाई कर्मचारियों को बाहर करना चाह रहे हैं। मजदूरों के
पंतनगर/ बजाज मोटर कर्मकार यूनियन, पन्तनगर उधम सिंह नगर, उत्तराखंड के नियमित चुनाव दिनांक 26 जून 2022 को आहूजा धर्मशाला में हुए जिसमें तमाम पदाधिकारियों का निर्विरोध चुनाव हुआ। जिसम
आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था।
ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।
ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को