फासीवाद / साम्प्रदायिकता,

उद्घाटन के दिन ही महिला पहलवानों पर बरसा सेंगोल

28 मई को नई संसद और राजदण्ड सेंगोल का काफी ताम झाम के साथ उद्घाटन हो गया। राजधानी दिल्ली में जहां एक ओर नई संसद का उद्घाटन हो रहा था वहीं दूसरी ओर संघर्षरत महिला पहलवानों पर दिल्ली पुलिस बर्बर लाठी

हिंसा, नफरत और झूठे वायदों के 9 साल

मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इन 9 वर्षों में सरकार के पास उपलब्धियों के नाम पर गिनाने को कुछ नहीं है। पर फिर भी 2024 के चुनावों के मद्देनजर पूरे देश में 9 वर्ष के शासन की उपलब्धियों को गि

मोनिका-मोनिस की शादी पर हिंदू फासीवादियों का ग्रहण लगा

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर मोनिका और मोनिस की शादी का कार्ड वायरल हो रहा था। वजह थी लड़की का हिंदू और लड़के का मुस्लिम होना। और इससे भी बड़ी बात थी कि ये शादी दोनों परिवारों की मर्ज़ी से हो रही थी। मोन

जहरीली कार्यसूची (एजेंडा)

किसी ने मेरे शोध प्रबंध को उठाया और  उस पेज की जहां मैंने त्रिवेणी के बारे में बात की है और वर्षों के अपने शोध के आधार पर लिखा था, उस आधार पर नहीं बल्कि शब्दावली में अपने एजेंडे के हिसाब से फेर

हिन्दू फासीवाद और जनतंत्र

बहुत कम लोग इस पर ध्यान देते हैं कि हिटलर तख्ता पलट कर सत्ता में नहीं आया था। वह बिल्कुल संवैधानिक तरीकों से चुनावों के जरिये सत्ता में आया था। 
    

नया संसद भवन

28 मई 2023 को नई संसद का उद्घाटन हो गया। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया। इसके उद्घाटन के कार्यक्रम में सभी राजनैतिक दलों को सरकार की ओर से न्यौता भेजा गया। परन्तु लगभग 20 दलों ने संसद भवन के उद्

कथा दो फिल्मों की

मई की पांच तारीख को देश के सिनेमाघरों में दो फिल्में एक साथ आईं। दोनों कुल मिलाकर एक ही विषय पर थीं। लेकिन एक फिल्म जहां करीब 1200 सिनेमाघरों में दिखाई जा रही थी तो दूसरी महज 60 में। एक पर पूरे देश

उत्तराखण्ड : घर-दुकान-फड़ सबको जमींदोज करती सरकार

आजकल उत्तराखण्ड में धामी सरकार के निर्देश पर चारों ओर बुलडोजर गरज रहा है। योगी सरकार का बुलडोजर धामी सरकार को इतना पसंद आया कि लगता है उत्तराखण्ड की बड़ी आबादी का आशियाना, रोजी-रोटी छीन कर ही उसे चै

केरल स्टोरी

झूठे तथ्यों, मनगढ़न्त निष्कर्षों से साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाती फिल्म

भारतीय चुनाव आयोग न स्वतंत्र न निष्पक्ष

भारतीय पूंजीवादी लोकतंत्र के पतन की ढेरों अभिव्यक्तियां हैं। उसका पतन संवैधानिक संस्थाओं के पतन में भी खुद को अभिव्यक्त करता है। प्रेस की स्वतंत्रता की वैश्विक रैंकिंग में भारत का 161 वें स्थान पर

आलेख

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संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।

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आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता। 

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अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं। 
    

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पिछले सालों में अमेरिकी साम्राज्यवादियों में यह अहसास गहराता गया है कि उनका पराभव हो रहा है। बीसवीं सदी के अंतिम दशक में सोवियत खेमे और स्वयं सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने जो तात्कालिक प्रभुत्व हासिल किया था वह एक-डेढ़ दशक भी कायम नहीं रह सका। इस प्रभुत्व के नशे में ही उन्होंने इक्कीसवीं सदी को अमेरिकी सदी बनाने की परियोजना हाथ में ली पर अफगानिस्तान और इराक पर उनके कब्जे के प्रयास की असफलता ने उनकी सीमा सारी दुनिया के सामने उजागर कर दी। एक बार फिर पराभव का अहसास उन पर हावी होने लगा।

/hindu-fascist-ki-saman-nagarik-sanhitaa-aur-isaka-virodh

उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया है। इस संहिता को हिंदू फासीवादी सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही है। संहिता