विविध

8 फरवरी : मजदूर प्रतिरोध दिवस

दिल्ली/ देश भर के 17 संघर्षरत श्रमिक संगठनों/यूनियनों के समन्वय मंच, मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) ने 23 दिसम्बर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित प्र

महान सर्वहारा नेता लेनिन

महान समाजवादी अक्टूबर क्रांति के नेता लेनिन की मृत्यु 21 जनवरी 1924 को हुई थी। उनकी मृत्यु को 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। बीते 100 वर्षों के इतिहास पर महान अक्टूबर समा

धारा-370 फैसला : जी हुजूर, सिर-माथे पर !

संविधान की धारा-370 को निष्प्रभावी करने के केन्द्र सरकार के 2019 के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये हालिया फैसले ने वर्तमान मुख्य न्यायाधीश से उम्मीद लगाये उदा

नया साल : चुनावी साल

नया साल भारत सहित दुनिया के कई-कई देशों के लिए चुनावी साल है। इसमें हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान है तो दुनिया की सबसे बड़ी साम्राज्यवादी ताकत संयुक्त राज्य अमेरिका भी है तो र

मंदिर राम का, वोट भाजपा का

प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोरों पर हैं। चुनावी वर्ष में चुनाव से कुछ समय पूर्व मंदिर उद्घाटन संघ-भाजपा को वोटों की नयी खेप

कुश्ती संघ चुनाव : जिसका अंदेशा था वही हुआ

भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनाव लंबे समय से टलते-टलते 21 दिसंबर को सम्पन्न हुए। चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के बेहद करीबी संजय सिंह को जीत मिली। संजय सिंह की जीत के बाद ब

तीन नये अपराधिक कानून

तीन नये अपराधिक कानून जिनको पास कराया गया है उसके गुण-दोष जो भी हों, बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि कानून का व्यवस्था मशीनरी इस्तेमाल कैसे करेगी और न्यायपालिकाएं उस

काकोरी के शहीद

काकोरी के शहीदों को याद करें,
उनकी बलिदानी राहों को समझें।
आज भी उनकी कहानी जिंदा है,
उनके बलिदान की नहीं कहीं निंदा है।

इंटरार्क के मजदूर नेता की गिरफ्तारी

रुद्रपुर/ दिनांक 23 दिसम्बर 2023 को पंतनगर थाना पुलिस द्वारा इंटरार्क मजदूर संगठन उधमसिंह नगर के महामंत्री सौरभ कुमार को कायराना तरीके से गिरफ्तार कर लिय

आलेख

/idea-ov-india-congressi-soch-aur-vyavahaar

    
आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था। 

/ameriki-chunaav-mein-trump-ki-jeet-yudhon-aur-vaishavik-raajniti-par-prabhav

ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।

/brics-ka-sheersh-sammelan-aur-badalati-duniya

ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती। 

/amariki-ijaraayali-narsanhar-ke-ek-saal

अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को