‘‘बिना शर्त माफी’’ मतलब बंदर कभी गुलाटी मारना नहीं भूलता

10 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय में जो हुआ वह मजेदार था। बाबा और उसका चेला न्यायालय में बिना शर्त माफी मांग रहा था पर दोनों न्यायधीश बाबा पर कतई मेहरबान नहीं थे। वे बाबा को ढंग से सबक सिखाना चाहते थे। बाबा जैसे अपने भक्तों को ठगने का आदी है ठीक वही काम बाबा न्यायाधीशों के साथ करना चाहता था। वह न्यायालय में कहता आगे से झूठा विज्ञापन और भ्रामक जानकारी नहीं दूंगा और ठीक दूसरे दिन वही काम जोर-शोर से करने लगता। बाबा ने सोचा कि वह जब सबको कपाल भाति करा सकता है तो न्यायालय को भी करा देगा। 
    
बाबा धंधेबाज है। उसका सारा धंधा योग व आयुर्वेद के नाम पर एक गोरखधंधा है। राजनैतिक संरक्षण प्राप्त बाबा के सामने सारे अधिकारी पानी भरते हैं। बाबा के ऊपर दलितों की भूमि हड़पने से लेकर घटिया उत्पाद बनाने के आरोप हैं। बाबा के ऊपर अपने गुरू शंकरदेव को परेशान कर भगा देने व यहां तक कि गायब कर देने के आरोप हैं। एलोपैथी को रात-दिन गाली देने वाला बाबा अपनी दवाईयों को रामबाण दवाईयां बताता है। बाबा का  चेला नकली डिग्री धारी है और बाबा की पढ़ाई-लिखाई का अता-पता नहीं है। बाबा की कम्पनियों में बाबा के भाई-भतीजों का कब्जा है। एक भाई राम भरत यादव तो हरिद्वार में अपनी दबंगई के लिए जाना जाता है। बाबा अक्सर विवादों से घिरा रहता है। और जब वो पत्रकारों से बात करता है तो खूब अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग गलत उच्चारण के साथ करता है। अंग्रेजी दवाओं को गाली देने में भी वह अंग्रेजी का खूब प्रयोग करता है। 
    
‘‘बिना शर्त माफी’’ बाबा ने ऐसी मांगी मानो कह रहा हो ‘‘मेरी तौबा मेरे बाप की तौबा’’ पर उच्चतम न्यायालय उसके अनुलोम विलोम से तंग आ गया और कहा ‘‘हम आपका हिसाब लेंगे।’’ अब देखते हैं 16 अप्रैल या उसके बाद बाबा का क्या हिसाब होता है। या बाबा कोई तिकड़म या चमत्कार से अपना सारा हिसाब-किताब बराबर करा लेता है। बंदर वैसे तो गुलाटी मारना कभी नहीं भूलता है पर कभी-कभी वह गलत जगह गुलाटी मार देता है। 

आलेख

/modi-sarakar-waqf-aur-waqf-adhiniyam

संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।

/china-banam-india-capitalist-dovelopment

आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता। 

/amerika-aur-russia-ke-beech-yukrain-ki-bandarbaant

अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं। 
    

/yah-yahaan-nahin-ho-sakata

पिछले सालों में अमेरिकी साम्राज्यवादियों में यह अहसास गहराता गया है कि उनका पराभव हो रहा है। बीसवीं सदी के अंतिम दशक में सोवियत खेमे और स्वयं सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने जो तात्कालिक प्रभुत्व हासिल किया था वह एक-डेढ़ दशक भी कायम नहीं रह सका। इस प्रभुत्व के नशे में ही उन्होंने इक्कीसवीं सदी को अमेरिकी सदी बनाने की परियोजना हाथ में ली पर अफगानिस्तान और इराक पर उनके कब्जे के प्रयास की असफलता ने उनकी सीमा सारी दुनिया के सामने उजागर कर दी। एक बार फिर पराभव का अहसास उन पर हावी होने लगा।

/hindu-fascist-ki-saman-nagarik-sanhitaa-aur-isaka-virodh

उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया है। इस संहिता को हिंदू फासीवादी सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही है। संहिता