17 वर्षीया किशोरी की हत्या पर आक्रोश

/17-varsheeya-kishori-ki-hatyaa-par-akrosha

फरीदाबाद/ 30 अक्टूबर की देर रात 2ः00 बजे से 17 वर्षीय किशोरी एसी नगर झुग्गी मजदूर बस्ती फरीदाबाद से संदिग्ध हालत में घर से लापता हो गई थी। परिवारजनों द्वारा पास की कोतवाली में गुमशुदी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। अगली सुबह 10ः00 बजे हुड्डा ग्राउंड, सेक्टर 12 नगर निगम के ट्रैक्टर टैंकर में पानी का छिड़काव कर रहे नगर निगम के कर्मियों द्वारा टैंकर के अंदर एक किशोरी की लाश देखी गई। जिसकी जानकारी पुलिस को मिलने पर लाश की पहचान 17 वर्षीय मुस्कान के रूप में हुई। जिसके शरीर पर चोट के निशान थे। साथ ही किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किये जाने का भी अंदेशा है हालांकि इस पर पुलिस प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। 7 नवंबर 2024 को फरीदाबाद जन संघर्ष समिति के आह्वान पर शहर के सामाजिक व मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा पीड़ित परिवार से मुलाकात की गयी। 
    
इस तरह की घटनाओं से ये साफ पता चलता है कि शहर में अपराधियों के हांसले बुलंद हैं। यह पुलिस प्रशासन के लिए शर्म की बात है कि महज 200 मीटर की दूरी पर कोतवाली होने के बावजूद गुमशुदगी की रिपोर्ट होने के बावजूद नगर निगम के टैंकर में किशोरी की लाश मिलती है। एक गरीब मुस्लिम मजदूर परिवार की 17 वर्ष 8 महीने की बेटी जो अपने माता-पिता के साथ एसी नगर बस्ती में रह रही थी और बारहवीं कक्षा की छात्रा थी, इस तरह की दरिंदगी का शिकार हो जाती है। जानकारी के अनुसार उसका बलात्कार कर पानी के टैंकर में डुबोकर हत्यारों ने हत्या कर दी। 
    
इस तरह की घटनाएं शहर में लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस तरह की घटनाएं आम गरीब लोगों में डर और दहशत का माहौल पैदा कर रही हैं। आज सत्ता में बैठी डबल इंजन की सरकार अपने घोर महिला विरोधी चरित्र के कारण इस तरह की घटनाओं को सिरे से खारिज करने व कहीं-कहीं तो पीड़ित को ही दोषी साबित करने में लग जाती है। भाजपा सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के बजाय इनके खिलाफ लड़ने वाले लोगों को ही परेशान करने का काम करती है। ऐसा इसलिए भी है कि खुद महिला सुरक्षा का दम भरने वाली, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे देने वाली इनकी पार्टी के विधायक, सांसद इस तरह के अपराधों में लिप्त हैं। कुलदीप सेंगर से लेकर बृज भूषण, पुलकित आर्य तक को ये संरक्षण देते आये हैं। और बलात्कार के अपराधियों को फूलमालायें पहनाते आये हैं। 
    
आज उपभोक्तावादी पूंजीवादी संस्कृति और महिला विरोधी हिंदू फासीवादियों के ऐसे गठजोड़ को कमजोर करने के लिए हर तरफ से संघर्ष की आवाजों का बुलन्द होना अति आवश्यक बन जाता है। 
    
इसी तरह की आवाज आज फरीदाबाद के स्तर पर फरीदाबाद जन संघर्ष समिति बन रही है। इसी क्रम में फरीदाबाद जन संघर्ष समिति के प्रबुद्ध जनों ने पीड़ित परिवार से मिलकर पीड़ित परिवार के साथ अपनी एकता व संवेदना प्रकट की और साथ ही उनको यह हौंसला दिलाया कि यह लड़ाई अकेले उनकी नहीं है।
    
इसके बाद फरीदाबाद जन संघर्ष समिति द्वारा पीड़ित परिवार के साथ कोतवाली में जाकर केस की जांच के सिलसिले में जानकारी हासिल की गई। साथ ही शासन प्रशासन को भी चेताया गया कि अब इस संघर्ष में फरीदाबाद जन संघर्ष समिति और शहर के तमाम मजदूर संगठन भी शामिल हैं।
        
-फरीदाबाद संवाददाता

आलेख

/ceasefire-kaisa-kisake-beech-aur-kab-tak

भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय ‘युद्ध’ अमेरिका के राष्ट्रपति की ‘युद्ध विराम’ घोषणा के जरिए 10 मई की शाम पांच बजे समाप्त हो गया। युद्ध विराम की घोषणा सबसे पहले अमेरि

/terrosim-ki-raajniti-aur-rajniti-ka-terror

पहलगाम की आतंकी घटना के बाद देश के पूंजीवादी दायरों से लगातार यह बात आ रही है कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सब लोगों को आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ खड़ा होना चाहिए और सरक

/modi-government-fake-war-aur-ceasefire

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले की घटना के बाद से ही मोदी की अगुवाई वाली एन डी ए सरकार, मोदी-शाह और भाजपाइयों ने देश की जनता को युद्ध के उन्माद की ओर धकेल

/fasism-ke-against-yuddha-ke-vijay-ke-80-years-aur-fasism-ubhaar

9 मई 1945 को फासीवादी जर्मनी के आत्मसमर्पण करने के बाद फासीवाद के विरुद्ध युद्ध में विजय मिल गयी थी। हालांकि इस विजय के चार महीने बाद जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में अम