दिल्ली/ 3 अगस्त को न्यूनतम वेतन एवं अन्य श्रम अधिकारों को लागू करवाने के लिए बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में मजदूर पंचायत का आयोजन किया गया। मजदूर एकता समिति और इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा शाम 5ः00 बजे से बुलाई गई पंचायत में 100 से अधिक मजदूरों ने भागीदारी की। इस पंचायत में बवाना इंडस्ट्रियल एरिया के मजदूरों ने फैक्टरी मालिकों द्वारा किए जा रहे शोषण व अत्याचार को विस्तार से बताया।
उन्होंने बताया कि इस एरिया में फैक्टरी मालिकों द्वारा मासिक वेतन के नाम पर हेल्पर को रु.6500 से रु. 8000 के बीच तथा आपरेटर/कारीगर को रु. 9000 से रु.12000 के बीच ही दिया जाता है। ईएसआई, पीएफ, बोनस, ग्रेच्युटी आदि जैसी मजदूरों को मिलने वाली सुविधाओं को नहीं दिया जाता है।
मजदूर पंचायत में एक प्रस्ताव पारित कर श्रम कानूनों को ठेंगा दिखाने वाले बवाना इंडस्ट्रियल एरिया के फैक्टरी मालिकों के खिलाफ एरिया के डिप्टी लेबर कमिश्नर को सामूहिक रूप से लिखित शिकायत पत्र देने का फैसला लिया गया। लिखित शिकायत पत्र को पंचायत में पढ़कर सर्वसम्मति से पारित किया गया।
5-6 अगस्त को मजदूरों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा शिकायत पत्र को निमड़ी कालोनी, अशोक विहार में स्थित डिप्टी लेबर कमिश्नर के आफिस में कमिश्नर से मिलकर सौंपा जाएगा। पंचायत में प्रस्ताव पारित कर इंकलाबी मजदूर केंद्र के प्रतिनिधियों को श्रम विभाग में पैरवी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इंकलाबी मजदूर केंद्र के प्रतिनिधियों ने बताया कि यह संघर्ष की शुरुआत है, बवाना औद्योगिक क्षेत्र के मजदूरों को एकजुट करके इस संघर्ष को मुकाम पर पहुंचाना होगा।
मजदूरों के संघर्ष को तेज करने के आह्वान के साथ जोरदार नारों और क्रांतिकारी गीत के साथ मजदूर पंचायत का समापन किया गया। पंचायत में इफ्टू (सर्वहारा), प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के प्रतिनिधियों और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
-दिल्ली संवाददाता
बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में मजदूर पंचायत
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