मैंने समाचार पत्र में पढ़ा था। मुझे मजदूरों व कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं मिला उत्तराखंड सरकार के बजट में।
मजदूरों व कर्मचारियों के साथ जुल्म हो रहे हैं। कोई देखने वाला नहीं है। क्षेत्र के सांसद एवं विधायक बेकार हैं। मजदूरों व कर्मचारियों के मध्य नहीं जाते। चंद लोगों से मिल कर चले जाते हैं।
बजट में एक ‘‘मजदूर कल्याण कोष’’ होना चाहिए। जिससे मजदूरों व कर्मचारियों का भला हो सके।
13 नवम्बर सन् 2013 से काशीपुर चीनी मिल बन्द पड़ी है।
किसी नेता ने उनके भुगतान के लिए कुछ नहीं किया। 75 कर्मचारी भूख व बीमारी के कारण मर गये। बकाया 42 करोड़ रुपए आज तक नहीं मिले। बच्चों की पढ़ाई तथा शादी की परेशानी हो रही है।
अगर मजदूर कल्याण कोष होता तब यह काम आ सकता था।
-वेद प्रकाश विद्यार्थी भैया, प्रदेश अध्यक्ष हिन्द मजदूर सभा