हल्द्वानी/ 25 फरवरी को क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन द्वारा हल्द्वानी में सांप्रदायिक सौहार्द को बचाने हेतु भाईचारा बैठक बुलाई गई जिसमें अलग-अलग स्थानों से आये सामाजिक संगठनों, मजदूर, छात्र एवं महिला संगठनों के प्रतिनिधियों तथा पत्रकारों, बुद्धिजीवियों एवं वकीलों ने भागीदारी की।
भाईचारा बैठक में लोगों ने एक स्वर से कहा कि हल्द्वानी बनभूलपुरा क्षेत्र में 8 फरवरी को जो हुआ वह कोई यकायक घटी घटना नहीं थी, कि सत्ता में बैठी फासीवादी ताकतें लम्बे समय से उत्तराखंड को सांप्रदायिकता की प्रयोगशाला बनाने का काम कर रही हैं। पुलिस-प्रशासन सत्ता के इशारे पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। राज्य की धामी सरकार ने लैंड जिहाद के नाम पर मुस्लिम समुदाय व गरीबों को उजाड़ने की मुहिम चला रखी है।
वक्ताओं ने कहा कि 8 फरवरी को प्रशासन ने कानून को ताक पर रख कर काम किया। जब 4 फरवरी की रात को प्रशासन ने विवादित मदरसे व मस्जिद को सील कर अपने कब्जे में ले लिया था तब आनन-फानन में 8 फरवरी को विवादित स्थल को ध्वस्त किसके इशारे पर किया गया? ध्वस्तीकरण से पूर्व सीलबंद स्थल से सील हटाकर वहां रखे सामान निकालकर उसकी फर्द बनाई जानी चाहिए थी उसके बाद उस सामान को किसी धार्मिक या सामाजिक व्यक्ति को सौंपा जाना चाहिए था, लेकिन प्रशासन द्वारा मदरसे व मस्जिद से कुरान तक नहीं निकालने दी गई, इससे स्थानीय लोगों में उत्तेजना पैदा हुई। प्रशासन द्वारा लोगों को उकसाया गया। वक्ताओं ने कहा कि कर्फ्यू हटने के बाद जो जानकारी मिल रही है उसके हिसाब से 8 फरवरी को प्रशासन कुछ पत्रकारों को अपने वाहनों से विवादित स्थल पर लेकर गया था उन पत्रकारों द्वारा लाइव भड़काऊ खबर प्रसारित की गई। प्रशासन का यह सीधे मुस्लिम समुदाय पर हमला है।
वक्ताओं ने कहा कि कर्फ्यू के दौरान पुलिस द्वारा काफी लोगों को गिरफ्तार किया गया है; घरों में घुसकर सामान तोड़ा गया और महिलाओं-बच्चों को बुरी तरह मारा-पीटा गया।
वक्ताओं ने कहा कि फासीवादी ताकतें इस घटना को हिन्दू-मुस्लिम दंगे में बदलने की फिराक में थीं, लेकिन ये घटना प्रशासन व मुस्लिम समुदाय के बीच रह गई। हालांकि सांप्रदायिक ताकतों की अभी भी ये कोशिश जारी है; शहर से लगे कमलुवागांजा क्षेत्र में मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों पर तोड़-फोड़ कर उन्हें वहां से भगाने की कार्यवाही की जा रही है।
वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि बनभूलपुरा क्षेत्र की पीड़ित जनता व कमलुवागांजा क्षेत्र के दुकानदारों की हर तरह की मदद की जायेगी।
बैठक में सर्वसहमति से बनभूलपुरा क्षेत्र की जनता व आस-पास की पीड़ित जनता के साथ भाईचारा कायम करने हेतु ‘कौमी एकता मंच’ का गठन किया गया। मंच द्वारा तय किया गया कि कमलुवागांजा क्षेत्र में मुस्लिम व्यापारियों के समर्थन में दिनांक 26 फरवरी को दोपहर 12 बजे एसएसपी नैनीताल को ज्ञापन दिया जायेगा। बैठक में तय किया गया कि मंच की ओर से बनभूलपुरा क्षेत्र में फैक्ट फाइंडिंग टीम भेजी जायेगी व पीड़ित जनता को राहत देने हेतु काम किया जायेगा।
बैठक में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, उत्तराखंड महिला मंच, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, समाजवादी लोक मंच, भाकपा माले, इंकलाबी मजदूर केंद्र, जनवादी लोक मंच, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, मजदूर सहयोग केंद्र, प्रगतिशील भोजनमाता संगठन, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल, क्रांतिकारी किसान मंच, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा, नागरिक अखबार, महिला एकता मंच, एक्टू के प्रतिनिधियों एवं विभिन्न पत्रकारों व वकीलों ने भागीदारी की।
-हल्द्वानी संवाददाता
कौमी एकता मंच के प्रतिनिधिमंडल द्वारा अपने घोषित कार्यक्रम के अनुरूप 26 फ़रवरी को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नैनीताल को सम्बोधित एक ज्ञापन पुलिस अधीक्षक, हल्द्वानी को सौंपा गया और कमलुवागांजा क्षेत्र में मुस्लिम दुकानदारों की दुकानें बंद कराने, दुकान मालिकों पर उनसे दुकानें खाली कराने का दबाव बनाने वाले उपद्रवियों पर तत्काल कार्यवाही की मांग की गई, ताकि लोग अपनी रोजी-रोटी कमा सकें और शहर में शांति व्यवस्था बनी रहे।
तदुपरान्त प्रतिनिधिमंडल ने संबंधित क्षेत्र के थाने पर जाकर वहां ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों से भी मुलाकात कर उपद्रवियों पर कार्यवाही और शांति व्यवस्था बहाल किये जाने की मांग की।
इसके पश्चात कौमी एकता मंच द्वारा फैक्ट फाइंडिंग टीम बनाकर 28 एवं 29 फरवरी को बनभूलपुरा क्षेत्र में जाकर पीड़ितों से मुलाकात की गई। फैक्ट फाइंडिंग टीम का काम जारी है और वह इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उसे सार्वजनिक करेगी।
कर्फ्यू के दौरान जिन गरीब पीड़ितों का रोजी-रोजगार छूट गया अथवा कमाने वाले पुरुष को पुलिस ने जेल में डाल दिया और अब परिवार असहाय है, कौमी एकता मंच द्वारा उनकी मदद हेतु लगातार राहत अभियान भी चलाया जा रहा है।