फासीवाद के आसन्न खतरे के मद्देनजर सेमिनारों का आयोजन

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क्रांतिकारी, प्रगतिशील और संघर्षशील ताकतों से एकजुट होने का आह्वान

देश में फासीवाद के आसन्न खतरे के मद्देनजर विगत दिनों उत्तर प्रदेश के बलिया और बरेली एवं उत्तराखंड के हरिद्वार और काशीपुर में सेमिनार आयोजित किये गये और विभिन्न क्रांतिकारी, प्रगतिशील एवं संघर्षशील ताकतों से व्यापक एकजुटता कायम करने का आह्वान किया गया।
    
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में बलिया में 30 मार्च को अम्बेडकर संस्थान के सभागार में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, इंकलाबी मजदूर केंद्र, ग्रामीण मजदूर यूनियन एवं क्रांतिकारी किसान मंच ने संयुक्त रूप से ‘‘बढ़ता फासीवादी खतरा और संघर्ष की दिशा’’ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया। 
    
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि आज वैश्विक पूंजीवाद आर्थिक संकट का शिकार है। 2007-08 से जारी गंभीर आर्थिक संकट का पूंजीवादी सरकारों और उनके बुद्धिजीवियों के पास कोई समाधान नहीं है। एकाधिकारी पूंजीपति वर्ग का मुनाफा बढ़ाने के लिये सरकारें इस आर्थिक संकट का सारा बोझ मजदूर-मेहनतकश जनता पर डाल रही हैं। 
    
वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह जर्मनी में वहां के एकाधिकारी पूंजीपतियों के आशीर्वाद से हिटलर की नाजी पार्टी द्वारा फासीवादी शासन कायम किया गया और फिर धार्मिक अल्पसंख्यकों यहूदियों का कत्लेआम किया गया, कम्युनिस्टों व मजदूर आंदोलन का भयंकर दमन किया गया और विपक्षी पूंजीवादी पार्टियों बुद्धिजीवियों और कलाकारों तक को भी नहीं बख्शा गया; उसी तरह भारत में भी अडाणी-अम्बानी सरीखे एकाधिकारी पूंजीपतियों के आशीर्वाद से आर एस एस-भाजपा धार्मिक अल्पसंख्यक मुसलमानों पर लगातार हमलावर हैं। आज देश में मजदूरों का शोषण बेइंतहा बढ़ता जा रहा है और जनपक्षधर बुद्धिजीवियों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं का दमन किया जा रहा है। 
    
सेमिनार की अध्यक्षता इंकलाबी मजदूर केंद्र के रामजी सिंह, भाकपा के सत्यप्रकाश सिंह, संयुक्त किसान मोर्चा, बलिया के संयोजक व माकपा के पी एन राय, किसान फ्रंट के जनार्दन सिंह एवं ग्रामीण मजदूर यूनियन के अर्जुन प्रधान ने की। सेमिनार का संचालन इंकलाबी मजदूर केंद्र के दूधनाथ एवं क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के सत्यनारायण ने संयुक्त रूप से किया।
    
उत्तर प्रदेश के बरेली में प्रेरणा सदन सभागार में 13 अप्रैल के दिन जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी किसान मंच, आटो रिक्शा चालक वेलफेयर एसोसिएशन और प्रगतिशील सांस्कृतिक मंच द्वारा संयुक्त रूप से सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय ‘‘क्या भारत में फासीवाद का खतरा मंडरा रहा है’’ था।
    
सेमिनार की शुरुआत में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के ललित ने सेमिनार पत्र को सदन के पटल पर रखा। तदुपरान्त वक्ताओं ने कहा कि आज दुनिया में फासीवाद पुनः अपना प्रसार कर रहा है। विश्व के कई देशों में फासीवादी उभार होता दिखाई दे रहा है। भारत में भी हिंदू फासीवाद का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। देश की संवैधानिक संस्थाओं पर हिंदू फासीवादी अपनी पकड़ को मजबूत करते जा रहे हैं। यहां तक कि सेना और न्यायालय भी इससे अछूते नहीं हैं। सभी श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में बदल दिया गया है, जो कि मजदूर वर्ग पर एकाधिकारी पूंजी का सबसे क्रूर हमला है। इसके अलावा तीन आपराधिक कानून बनाकर लोगों पर दमन का शिकंजा और मजबूत कर दिया गया है। जो पीड़ित हैं उन्हीं पर मुकदमे लादे जा रहे हैं और उन्हीं के घर पर बुलडोजर चलाया जा रहा है।
    
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए इंकलाबी मजदूर केंद्र के वरिष्ठ साथी देव सिंह ने मजदूर वर्ग और अन्य मेहनतकश तबकों का आह्वान किया कि वे फासीवादी आंदोलन का मुकाबला करने के लिये क्रांतिकारी आंदोलन को तेज करें।
    
सेमिनार को बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन के अध्यक्ष मुकेश सक्सेना, महामंत्री संजीव मेहरोत्रा, बरेली कालेज के जितेंद्र मिश्रा, मानसिक चिकित्सालय के सलीम और अटेवा के हरिशंकर ने भी सम्बोधित किया।
    
उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के हरिद्वार में 13 अप्रैल को ‘‘हिंदू फासीवाद और हमारे कार्यभार’’ विषय पर इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र और परिवर्तनकामी छात्र संगठन द्वारा संयुक्त रूप से सेमिनार का आयोजन किया गया। जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को समर्पित इस सेमिनार में वक्ताओं ने कहा कि आज दुनिया में और हमारे देश में भी हिटलर-मुसोलिनी जैसी फासीवादी राजनीति करने वाले नेता, संगठन और पार्टियां समाज को बर्बरता की तरफ धकेल रहे हैं। इनके पीछे एकाधिकारी पूंजी की विशाल ताकत काम कर रही है। 
    
वक्ताओं ने कहा कि आज भारत में आर एस एस-भाजपा अडाणी-अम्बानी सरीखे एकाधिकारी पूंजीपतियों की आतंकी-नग्न तानाशाही कायम करने की कोशिश कर रहे हैं। इसका जवाब समाजवाद के लिये क्रांतिकारी संघर्ष से ही दिया जा सकता है। 
    
सेमिनार को जन अधिकार संगठन, नगर निगम मजदूर संघ, संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन, फ़ूड्स श्रमिक यूनियन, देवभूमि श्रमिक संगठन, कर्मचारी संघ सत्यम आटो, सीमेंस वर्कर्स यूनियन, किरबी श्रमिक कमेटी एवं प्रगतिशील भोजनमाता संगठन के पदाधिकारियों समेत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी सम्बोधित किया। इंकलाबी मजदूर केंद्र के पंकज ने सेमिनार का संचालन किया।
    
उत्तराखंड में कुमाऊं मंडल के काशीपुर में 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग हत्याकांड एवं पंतनगर गोली कांड के शहीदों की स्मृति में ‘‘क्या भारत में फासीवाद का खतरा मंडरा रहा है’’ विषय पर सेमिनार किया गया। जाटव सभा में आयोजित इस सेमिनार को इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र और परिवर्तनकामी छात्र संगठन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
    
सेमिनार की शुरुआत में इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश ने सेमिनार पत्र पर वक्तव्य प्रस्तुत करते हुये कहा कि महज चुनावी हार-जीत से हिंदू फासीवादी ताकतों को पराजित करना संभव नहीं है। इनका मुकाबला करने के लिये मजदूर-मेहनतकश जनता को इस सही वैचारिक जमीन पर खड़ा करने की जरूरत है कि फासीवाद पूंजीवादी व्यवस्था से नाभिनालबद्ध है और पूंजीवाद के आर्थिक संकट फासीवादी ताकतों को आगे बढ़ाते हैं। ऐसे में मजदूर-मेहनतकश जनता के क्रांतिकारी आंदोलन की सफलता और समाजवादी व्यवस्था की स्थापना ही असल में फासीवाद को मुकम्मल शिकस्त देगी। 
    
सेमिनार में वक्ताओं ने विभिन्न आयामों से फासीवाद के खतरे को चिन्हित करते हुये एक मंच पर आने की जरूरत पर जोर दिया।
    
सेमिनार की अध्यक्षता क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के पी पी आर्या, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव प्रभात ध्यानी, भाकपा (माले) के कैलाश पांडे, भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के उत्तराखंड प्रभारी अवतार सिंह, माकपा के दुर्गपाल सिंह, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की अध्यक्षा बिंदु गुप्ता, डाल्फिन वर्कर्स यूनियन की नेता सुनीता और अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के धर्मपाल सिंह ने की। 
    
इसके अलावा सिडकुल (रुद्रपुर-पंतनगर) से इंटरार्क मजदूर संगठन, आटोलाइन वर्कर्स यूनियन, बेलराइज वर्कर्स यूनियन, बजाज मोटर्स कर्मकार यूनियन, गुजरात अंबुजा कर्मकार यूनियन एवं बी एस टी टेक्सटाइल वर्कर्स यूनियन; साथ ही, क्रांतिकारी किसान मंच, भीम आर्मी, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, प्रगतिशील भोजनमाता संगठन, समाजवादी लोक मंच, महिला एकता मंच, आइसा इत्यादि के प्रतिनिधियों ने भी सेमिनार में भागीदारी की एवं सदन को सम्बोधित किया। इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित और प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की शाइस्ता ने सेमिनार का संचालन किया। 
        -विशेष संवाददाता

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