स्थानीय
लुकास टीवीएस के मजदूरों का धरना जारी
प्रबंधन ने कार्यकारी अध्यक्ष समेत तीन मजदूरों को किया कम्पनी से बाहर
शोषण की चक्की में पिसते इंपीरियल आटो के मजदूर
इंपीरियल आटो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड प्लाट नंबर 21/1 कंपनी फरीदाबाद के सेक्टर 5 में स्थित है। यह कंपनी गाड़ी इंजन के लिए पार्ट्स बनाती है। फरीदाबाद के स्तर पर इंपीरियल
उत्तर प्रदेश के बदायूं में रसोइयाकर्मियों का संघर्ष जारी
बकाया मानदेय के भुगतान सहित सात सूत्रीय मांगों को लेकर क्रमिक अनशन
इंटरार्क के मजदूर नेता की गिरफ्तारी
रुद्रपुर/ दिनांक 23 दिसम्बर 2023 को पंतनगर थाना पुलिस द्वारा इंटरार्क मजदूर संगठन उधमसिंह नगर के महामंत्री सौरभ कुमार को कायराना तरीके से गिरफ्तार कर लिय
एवरेडी कम्पनी में ड्यूटी के दौरान गार्ड की मौत
हरिद्वार/ 18 दिसंबर की सुबह सिडकुल हरिद्वार, एवरेडी कम्पनी में एक गार्ड की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि उसे 12 घंटों से ज्यादा ड्यूटी पर रोका गया था।
शोषण, दमन, उत्पीड़न के बीच संघर्षरत हैं यूपीपीसीएल के संविदा कर्मी
सरकार से मांगें पूरी कराने को विद्युत संविदा कर्मचारियों ने निकाला मशाल जुलूस
औद्योगिक दुर्घटनाओं के शिकार बनते मजदूर
24 दिसंबर को इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर मोरावली इंडस्ट्रियल पार्क में स्थित निकिल प्रोसेसिंग प्लांट इंडोनेशिया सिंगशान स्टेनलेस स्टील प्लांट में ब्लास्ट होने से 19 म
ब्रिटानिया के ठेका मजदूरों का संघर्ष
रुद्रपुर (उत्तराखंड) स्थित ब्रिटानिया कंपनी में 30 नवंबर 2023 को दोपहर 1ः00 से लगभग 1800-2000 मजदूरों ने काम बंद कर दिया और वेतन बढ़ोतरी और महीने में पूरी ड्यूटी देने समेत
आई एम पी सी एल, मोहान के निजीकरण के विरोध में संघर्ष
रामनगर/ भारत सरकार की मिनी रत्न का दर्जा प्राप्त और मुनाफे में चल रही आयुर्वेदिक दवा कंपनी- आई एम पी सी एल, मोहान के निजीकरण की कोशिशों के विरोध में 8 दि
राष्ट्रीय
आलेख
आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था।
ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।
ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती।
7 नवम्बर : महान सोवियत समाजवादी क्रांति के अवसर पर
अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को