फासीवाद / साम्प्रदायिकता,

‘‘दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी’’ का हाल : कठपुतली की तलाश

भारतीय जनता पार्टी दावा करती है कि वह दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। उसका दावा है कि उसकी पार्टी सदस्यता 18 करोड़ की है। हो सकता है कि वह जल्द ही दावा करे कि उनकी पार्टी मे

नये अपराधिक कानून : जन पर तंत्र का नया हमला

1 जुलाई 2024 से देश में नये अपराधिक कानून लागू हो जायेंगे। बीते वर्ष अगस्त 23 में जब गृहमंत्री अमित शाह ने इनसे जुड़े तीन विधेयक संसद में पेश किये थे तो कहा था कि इन नये क

गड़े मुर्दे उखाड़ना

मोदी एण्ड कम्पनी के तेवर देखने लायक हैं। इस बार उनके निशाने पर अरुंधति राय आयीं। उन पर 14 साल पहले एक सेमिनार में दिये गये भाषण पर दिल्ली के उपराज्यपाल ने यूएपीए लगाने की

घोषित आपातकाल बनाम अघोषित आपातकाल

नई संसद में मजेदार नजारा था। पक्ष आपातकाल के 49 साल पूरे होने पर विपक्ष को आइना दिखाने के बहाने धमका रहा था। मोदी के इशारे पर लोकसभा को पूरी तानाशाही से चलाने वाले ओम बिड़

‘जय फिलिस्तीन’ से इतनी बेचैनी क्यों?

बीते दिनों संसद में जब सांसदों का शपथ ग्रहण चल रहा था तब सभी नेता शपथ के बाद तरह-तरह के नारे लगा रहे थे। भाजपा सांसद जहां ‘जय श्री राम’ व ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रह

साम्प्रदायिक हिंसा बढ़ाकर चुनावी नुकसान की भरपाई करते संघी

जब मोदी सरकार फिर से सत्ता में आयी तो यह पूर्व की भांति भाजपा के एकछत्र बहुमत वाली सरकार नहीं थी। एनडीए गठबंधन के सहयोगियों के कंधों पर टिकी इस सरकार से तमाम लोगों को उम्

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा

भूतपूर्व संघी प्रचारक नरेन्द्र मोदी के दिल्ली की गद्दी पर काबिज होने से लेकर अब तक संघ व उनके रिश्ते तथा संघ व भाजपा के रिश्ते पर लगातार चर्चा होती रही है। वैसे यह चर्चा

अल्पसंख्यक मुक्त सरकारी गठबंधन

सरकारी गठबंधन यानी राजग के लोकसभा में कुल 293 सांसद हैं। पर यह गठबंधन अल्पसंख्यक मुक्त है। इसमें एक भी मुसलमान, ईसाई या सिख सांसद नहीं है। एक बौद्ध सांसद जरूर है। ये सारे

एक राष्ट्र-एक चुनाव-समान नागरिक संहिता : फासीवादी एजेण्डा

गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि सत्ता में आने पर वे अगले 5 वर्षों में पूरे देश में एक साथ चुनाव करायेंगे व साथ ही समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। सुनने में पहली नजर

अफवाह या हकीकत

यह राजनैतिक अफवाह तेजी से फैल या फैलायी जा रही है कि संघ और भाजपा के सम्बन्ध मोदी काल में दिन-ब-दिन खराब होते गये हैं। कि मोदी ने पहले गुजरात में संघ को किनारे लगाया और अ

आलेख

/idea-ov-india-congressi-soch-aur-vyavahaar

    
आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था। 

/ameriki-chunaav-mein-trump-ki-jeet-yudhon-aur-vaishavik-raajniti-par-prabhav

ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।

/brics-ka-sheersh-sammelan-aur-badalati-duniya

ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती। 

/amariki-ijaraayali-narsanhar-ke-ek-saal

अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को