रुद्रपुर (उत्तराखंड)/ दिनांक 28 जुलाई को सूर्यलोक होटल, जनता इंटर कॉलेज रोड, रुद्रपुर में श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधमसिंह नगर के बैनर तले आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए मोर्चा के महासचिव चंद्र मोहन लखेड़ा ने कहा कि लुकास टी वी एस, इंटरार्क, करोलिया और नेस्ले कम्पनी के श्रमिक जिला प्रशासन और श्रम विभाग द्वारा कराए गए त्रिपक्षीय समझौते को लागू कराने को संघर्ष कर रहे हैं। लुकास कम्पनी के मजदूर करीब 160 दिन से समझौते के तहत श्रमिकों की कार्यबहाली कराने को धरनारत हैं तो इंटरार्क और करोलिया कम्पनी के मजदूर भी विगत लम्बे समय से नौकरी से बर्खास्त किए गए श्रमिकों की समझौते के तहत कार्यबहाली कराने को संघर्ष कर रहे हैं। बड़वे और इंटरार्क कम्पनी के श्रमिक समझौते के तहत श्रमिकों को वेतन वृद्धि का लाभ दिलाने को आवाज़ उठा रहे हैं। किन्तु जहाँ एक ओर उक्त कम्पनियों के मालिक उक्त समझौतों का घोर उल्लंघन करके श्रमिकों का उत्पीड़न कर रहे हैं तो वहीं श्रम विभाग और जिला प्रशासन अपने द्वारा कराये गए उक्त त्रिपक्षीय समझौतों को लागू कराने से साफ-साफ मुकर रहे हैं। यही हाल नील मेटल, रॉकेट इंडिया, ऑटो लाइन, एलजीबी सहित सिडकुल की अन्य कम्पनियों का भी है।
मोर्चा प्रचार सचिव हरेंद्र सिंह ने बताया कि सबसे भयावह स्थिति डॉल्फिन कंपनी में बनी हुई है जहाँ स्थाई श्रमिकों को जबरिया ठेकेदारी की नौकरी में नियोजित किया गया है। अब तक 30 स्थाई श्रमिकों को कारण बताओ नोटिस, आरोप पत्र और पूर्व सूचना दिए बिना उनकी अवैध गेटबंदी की जा चुकी है, श्रमिकों को न्यूनतम वेतन और बोनस भी नहीं दिया जा रहा है जो कि माननीय सुप्रीम कोर्ट और भारत के संविधान के अनुच्छेद 23, 42 और 43 का भी घोर उल्लंघन है। ऐसे में श्रम विभाग और प्रशासन द्वारा कंपनी मालिक के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज करने और कंपनी में चल रही उक्त अवैध गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने के स्थान पर पीड़ित मजदूरों के 6 नेताओं के ऊपर ही गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही करने और लूट तथा मारपीट करने आदि गंभीर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज करने की अन्यायपूर्ण कार्यवाही की गई है।
वर्तमान समय में संराधन वार्ताओं के दौरान ALC द्वारा श्रमिकों के बयान सही से दर्ज नहीं करने और कम्पनी मालिकों को लाभ पहुँचाने के प्रकरण लगातार सामने आ रहे हैं। शासन-प्रशासन द्वारा न्यूनतम वेतनमान लागू कराने में भी कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है। शासन-प्रशासन और श्रम विभाग के उक्त लापरवाह और अन्यायपूर्ण रुख के कारण पूरे ही औद्योगिक क्षेत्र के मजदूरों के बीच भयंकर रोष व्याप्त है। इसी कारण से 7 जुलाई 2024 को रुद्रपुर में उत्तराखंड स्तर की विशाल मजदूर महापंचायत का आयोजन किया गया और एक स्वर में 28 जुलाई 2024 को मजदूर सत्याग्रह आंदोलन के तहत स्थानीय विधायक शिव अरोरा के आवास का घेराव करने का निर्णय लिया गया।
मोर्चा कार्यकारी अध्यक्ष दलजीत सिंह जी ने कहा कि इस बीच स्थानीय विधायक शिव अरोरा ने सकारात्मक पहल दिखाते हुए मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ में कई वार्ताएं की और आश्वासन दिया कि 31 जुलाई को डॉल्फिन कम्पनी के सभी 6 नेताओं को गुंडा एक्ट के तहत भेजे गए नोटिस और क़ायम वाद को निरस्त कर दिया जाएगा और लुकास टी वी एस, डॉल्फिन, करोलिया, इंटरार्क, नेस्ले सहित सभी कम्पनियों में चल रही समस्याओं का समाधान जिला स्तरीय कमेटी का गठन करके करा लिया जाएगा। स्थानीय विधायक की उपरोक्त सकारात्मक पहल को संज्ञान में में लेकर 28 जुलाई 2024 को स्थानीय विधायक के आवास के घेराव के उपरोक्त कार्यक्रम को दो सप्ताह के लिए स्थगित किया गया है। यदि श्रमिकों की उक्त समस्याओं का समाधान ना निकाला गया तो यह कार्यक्रम 11 अगस्त 2024 को किया जायेगा। महापंचायत के निर्णय के अनुसार उत्तराखंड स्तर पर 31 जुलाई 2024 को उधमसिंह जी के बलिदान दिवस पर दमन, जुल्म और शोषण के विरोध में आयोजित किये जा रहे व्यापक कार्यक्रमों के क्रम में कलेक्ट्रेट रुद्रपुर में उधमसिंह जी की मूर्ति के समक्ष संयुक्त रूप से कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
मोर्चा कोषाध्यक्ष ठाकुर सिंह जी ने कहा कि यदि दो सप्ताह के भीतर लुकास टी वी एस, डॉल्फिन, करोलिया और इंटरार्क सहित सभी पीड़ित मजदूरों को न्याय नहीं मिलता है और गुंडा एक्ट के तहत की गई उक्त अन्यायपूर्ण कार्यवाही को निरस्त नहीं किया जाता है तो 11अगस्त 2024 को स्थानीय विधायक आवास के घेराव के उक्त कार्यक्रम में मजदूर बढ़-चढ़ कर भागेदारी करेंगे।
मोर्चा महासचिव चंद्रमोहन लखेड़ा जी कहा कि शासन -प्रशासन और श्रम विभाग द्वारा जिस तरह से श्रम कानूनों की अनदेखी की जा रही है और कानूनों का खुला उल्लंघन कराया जा रहा है उसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। यदि अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से श्रम कानूनों को लागू कराके श्रमिकों संग न्याय नहीं किया तो मजबूरन हमें आगामी आने वाले 11 अगस्त 2024 को विधायक का घेराव करने के लिए विवश होना पड़ेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
प्रेस वार्ता को मजदूर सहयोग केंद्र के मुकुल, इंकलाबी मजदूर केंद्र के दिनेश चंद्र, लुकास टी वी एस के राजेश चंद्र, डॉल्फिन के ललित कुमार, करोलिया के हरेन्द्र, इंटरार्क के एस एन मिश्रा, फिरोज, नेस्ले कम्पनी के देवेंद्र सिंह, भगवती (माइक्रोमैक्स) के ठाकुर सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया।
जारीकर्ता
अध्यक्ष दिनेश तिवारी /महासचिव चंद्रमोहन लखेड़ा