
कैरेबियाई देश पनामा के ढेरों प्रांतों के मजदूर-कर्मचारी-शिक्षक 28 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। ये लोग पेंशन सुधारों व अमेरिका द्वारा पनामा में सैन्य अड्डे कायम करने का विरोध कर रहे हैं। इससे पूर्व 24 अप्रैल को प्रदर्शनों के जरिये सरकार को चेतावनी देते हुए 28 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की गयी थी।
नये पेंशन सुधार सामाजिक सुरक्षा के निजीकरण व पेंशन कटौती का इंतजाम करते हैं। पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के पनामा नहर पर नियंत्रण व पनामा में सैन्य अड्डे बनाने की इच्छा के आगे समर्पण कर रहे हैं।
28 अप्रैल को हड़ताल के शुरूआती दिन कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को पुलिस की रुकावटों का सामना करना पड़ा। ढेरों लोगों को अलग-अलग स्थानों से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में कई शिक्षक भी शामिल हैं पनामा वि.वि. के छात्र-शिक्षक कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हुए। पनामा वि.वि. में पुलिस दमन बेहद कठोर रहा।
सरकार ने हड़ताल के औपचारिक प्रावधान पूरे न करने के चलते इसे गैर कानूनी करार दिया है। सरकार छात्रों को कक्षाओं में भेजने व मजदूरों को काम पर भेजने के लिए तरह-तरह के दमन के साथ प्रलोभन भी दे रही है। निर्माण क्षेत्र के श्रमिक हड़ताल में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। हड़ताली लोग कनाडा की एक कंपनी द्वारा बंद पड़ी तांबे की खान दोबारा शुरू करने का भी विरोध कर रहे हैं।
राजनैतिक कैदियों की रिहाई की मांग भी हड़ताल में एक मुद्दे के रूप में जुड़ गयी है। पनामा की जनता ट्रम्प के घमण्ड व अपने शासकों के समर्पण दोनों का मुंहतोड़ जवाब दे रही है।