दिनांक 16 फ़रवरी को जहां एक ओर देश भर में किसान और मजदूर संगठन, दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दमन के विरोध में भारत बन्द और हड़ताल कर रहे थे वहीं जनपद बरेली में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी वर्कर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
बरेली के सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में ‘‘आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका वेलफेयर एसोसिएशन, उ.प्र.’’ के बैनर तले बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी वर्कर एकत्र हुई और डी.एम. कार्यालय तक जुलूस निकाल कर अपनी निम्न मांगों को लेकर जिलाधिकारी बरेली के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में निम्न मांगें प्रमुख थीं -
1- आंगनबाड़ी कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा व न्यूनतम वेतन 35,000 हजार मासिक दिया जाए।
2- सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष की जाय तथा सेवानिवृत्ति पर पेंशन दी जाय।
3- सेवाकाल में मृत्यु पर आश्रित को नौकरी तथा 5 लाख रु. क्षतिपूर्ति दी जाये।
4- लाखों की संख्या में खाली पड़े पदों पर नई भर्ती की जाय तथा प्रमोशन किया जाय।
एसोसिएशन की जिला अध्यक्ष ओमवती गंगवार ने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार ने अपने बजट में उन्हें बेहद निराश किया है, 2018 से आंगनबाड़ी कर्मचारियों के मानदेय भत्ते में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है जबकि महंगाई बेतहाशा बड़ी है, काम का बोझ बड़ा है, परिवार का खर्च भी काफी बड़ा है।
गौरतलब है कि देश भर में लाखों की संख्या में आंगनबाड़ी वर्कर हैं जो मुठ्ठी भर मानदेय में चुनाव ड्यूटी, बी.एल.ओ. डयूटी, जनगणना ड्यूटी, जैसी नियमित सरकारी कर्मचारी वाली जिम्मेदारी निभाते हैं और पूरे देश में पूर्व प्राथमिक शिक्षा के आधार स्तम्भ बने हुए हैं। देश में शिक्षा अधिकार कानून लागू होता है, नई शिक्षा नीति आती है पर आंगनबाड़ी वर्कर का जीवन नहीं बदलता।
-बरेली संवाददाता