बीजों के रखवाले -फवाज तुर्की

जला डालो हमारे खेत खलिहान
जला डालो हमारे सपने
छिड़क दो तेजाब हमारे गीतों पर
कत्ल किए गये हमारे लोगों के
लहू के ऊपर चाहे तो फैला दो
बुरादों की मोटी परत
अपने नए ईजादों से इस तरह लपेट दो 
हमारी गर्दन 
कि अंदर ही अंदर घुट जाए 
तुम्हारी कैद में बंदी देशभक्तों के
सारे उद्धोधन आजादी के
खाक कर डालो
नष्ट कर डालो
हमारी हरियाली और मिट्टी
नेस्तनाबूद कर डालो हमारे खेत और गांव
एक-एक चुन कर
जो हमारे पुरखों ने बनाए थे जतन से
अपने बम फेंको इस ढब कि 
कोई शहर कोई कस्बा बचने न पाए
जमींदोज हो जाए
एक-एक दरख्त एक-एक घर
एक-एक किताब एक-एक कानून
सभी घाटियां समतल कर डालो
फरमानों का चाहे तो ऐसा रेला झोंको, 
कि बिल्कुल न बचे हमारा अतीत 
आंधी में उड़ जाए हमारा साहित्य
हमारी कल्पनाएं और रूपक
हमारी धरती जंगलों को ऐसा उजाड़ो
कि एक पिद्दी से मकोडे को भी
कहीं छुपने की जगह न मिल पाए
इतना करो या मुमकिन हो तो
इससे भी ज्यादा वीभत्स कुछ कर डालो
मैं तुम्हारी दरिंदगी से डरने वाला नहीं
मैं पूरे एहतिहात के साथ बचा लूंगा
दरख्त का वह बीज
जो पीढ़ियों से हमारे पुरखों ने
खूब जतन से बचा रखा था
उस बीज को मैं फिर से रोप दूंगा
अपनी मातृभूमि की मिट्टी पर
        (साभार : नवजीवन)

आलेख

/modi-sarakar-waqf-aur-waqf-adhiniyam

संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।

/china-banam-india-capitalist-dovelopment

आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता। 

/amerika-aur-russia-ke-beech-yukrain-ki-bandarbaant

अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं। 
    

/yah-yahaan-nahin-ho-sakata

पिछले सालों में अमेरिकी साम्राज्यवादियों में यह अहसास गहराता गया है कि उनका पराभव हो रहा है। बीसवीं सदी के अंतिम दशक में सोवियत खेमे और स्वयं सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने जो तात्कालिक प्रभुत्व हासिल किया था वह एक-डेढ़ दशक भी कायम नहीं रह सका। इस प्रभुत्व के नशे में ही उन्होंने इक्कीसवीं सदी को अमेरिकी सदी बनाने की परियोजना हाथ में ली पर अफगानिस्तान और इराक पर उनके कब्जे के प्रयास की असफलता ने उनकी सीमा सारी दुनिया के सामने उजागर कर दी। एक बार फिर पराभव का अहसास उन पर हावी होने लगा।

/hindu-fascist-ki-saman-nagarik-sanhitaa-aur-isaka-virodh

उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया है। इस संहिता को हिंदू फासीवादी सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही है। संहिता