
बहन मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनन्द को ठीक चुनाव के पहले अपनी पार्टी बसपा का राष्ट्रीय समन्वयक और उत्तराधिकारी घोषित किया था। आकाश आनन्द ने चुनाव में ऐसे-ऐसे बयान दिये कि हर कोई हैरान था कि बसपा को क्या हो गया। मोदी सरकार की तुलना तालिबान से कर डाली थी। मामला बिगड़ता उससे पहले बहन मायावती ने ठीक चुनाव के बीच में यह कहकर आकाश आनन्द को राष्ट्रीय समन्वयक के पद और अपने उत्तराधिकार से वंचित कर दिया कि वे अभी ‘‘अपरिपक्व’’ हैं।
इधर चुनाव निपटे, चुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुला। पर बहन मायावती को चुनौती देने वाले चन्द्रशेखर रावण संसद में पहुंच गये। चुनाव परिणाम के बाद अभी दो हफ्ते भी नहीं बीते कि न जाने क्या करिश्मा हुआ। आकाश आनन्द ‘‘परिपक्व’’ हो गये। बहन मायावती ने फिर से अपने लाडले भतीजे को बसपा का राष्ट्रीय समन्वयक और अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। बहन जी! आकाश आनन्द इतनी जल्दी कैसे परिपक्व हो गये। इतनी जल्दी तो चूजा भी मुर्गा नहीं बनता।