तानाशाह

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साहेब को रंग बदलते देख कर
अब तो गिरगिट भी शरमाने लगा है
अच्छे दिन कब आयेंगे पता नहीं
विकसित भारत के नाम पर भरमाने लगा है।

रंग बदलना, जुमले गढ़ना
ये उसकी बेहतरीन कला है
धन्नासेठों को लूट की पूरी छूट है यहां
सबका साथ सबका विकास के नाम पर
बस जनता को छला है।

झूठ तो वह इतनी साफगोई से बोलता है
कि जिसका कोई जबाव नहीं
जनता से किये वादों का भी कोई हिसाब नहीं
अपराधियों को वह कपड़ों से पहचान लेता है
कौन सा तमगा दूं उसके लायक कोई खिताब नहीं।

वाकपटुता और लच्छेदार भाषण
मित्रों को दौलत बेशुमार, जनता को राशन
खुद की आलोचना उसे पसंद नहीं
उसे चाहिए भक्तों की फौज और एकछत्र सिंहासन।

हर उठती आवाज को
देशद्रोह के नाम कर देता है
जो भी उसके खिलाफ है
उसका इंतजाम कर देता है

शायद वह भूल गया है कि
जन सैलाब एक दिन तानाशाहों का 
काम तमाम कर देता है।    -भारत सिंह

आलेख

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ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।

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