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बर्बरता की ओर

जब चेतन सिंह चौधरी ने चलती रेल के अलग-अलग डिब्बों में अपने अधिकारी टीकाराम मीना और तीन मुसलमान यात्रियों की चुन-चुन कर हत्या की तो हिन्दू फासीवादी सरकार और उसके समर्थकों

हिन्दू फासीवादी सरकार और आंकड़े

मार्क ट्वेन के हवाले से एक कहावत है- ‘झूठ, महाझूठ और आंकड़े’। इसका आशय यह है कि आंकड़ों के जरिये कुछ भी साबित किया जा सकता है। इसीलिए आंकड़ों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। 

एक बार फिर ‘विकास’ और आम जनता

मई के महीने में सी एस डी एस-लोकनीति के एक सर्वेक्षण का परिणाम काफी चर्चा में रहा। इस सर्वेक्षण ने दिखाया था कि प्रधानमंत्री पद के लिए जहां नरेन्द्र मोदी 43 प्रतिशत लोगों की पसंद थे वहीं 27 प्रतिशत

हिन्दू फासीवादी और देशी अभिजात

हिन्दू फासीवादी ‘‘लुटियन गैंग’’ की काफी बात करते हैं। इसे वे हिकारत से देखते हैं और देश की सारी समस्याओं का कारण बताते हैं। वे कहते हैं कि ‘‘लुटियन गैंग’’ के लोग यानी दिल्ली की गद्दी पर काबिज पुरान

हिन्दू फासीवाद और जनतंत्र

बहुत कम लोग इस पर ध्यान देते हैं कि हिटलर तख्ता पलट कर सत्ता में नहीं आया था। वह बिल्कुल संवैधानिक तरीकों से चुनावों के जरिये सत्ता में आया था। 
    

कृत्रिम मेधा : संभावनाएं, सीमाएं और चुनौतियां
16 May, 2023

कृत्रिम मेधा : संभावनाएं, सीमाएं और चुनौतियां

आजकल कृत्रिम मेधा या कृत्रिम बुद्धि (आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स) की काफी चर्चा है। पिछले नवम्बर में CHAT GPT के आने के बाद से ही लोग इस पर जोर-शोर से बात करने लगे हैं। कुछ लोग इससे उत्साहित हैं तो कुछ भारी आशंकित। कुछ इसमें फायदा देख रहे हैं तो कुछ भारी नुकसान। कुछ तो हाल फिलहाल कृत्रिम मेधा से जुड़े हर तरह के शोध पर पाबंदी लगाने की बात कर रहे हैं। 
    

इस तरह की बातों से जाहिर है कि कृत्रिम मेधा का मामला अब एक ऐसे मोड़ पर पहुंच रहा है जहां से चीजें भिन्न रूप ग्रहण कर सकती हैं। जो चीज अभी दूर की कौड़ी नजर आती थी अब वह बेहद नजदीक नजर आ रही है।     
    

आलेख

केशवानन्द भारती मामले के पचास साल बाद

    पचास साल पहले 24 अप्रैल 1973 को सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानन्द भारती मामले में अपना फैसला सुनाया था। इस फैसले में सर्वोच्च न्यायालय के सभी 13 न्यायाधीशों में से 7 ने यह कहा कि संविधान का एक बुन

याराना पूंजीवाद : तब और अब

आजकल क्रोनी कैपिटलिज्म यानी याराना पूंजीवाद की काफी चर्चा है। मोदी-अडाणी के रिश्तों के संबंध में हर कोई (संघियों को छोड़कर) इसका इस्तेमाल कर रहा है। विपक्षी पार्टियों ने इस पर और जोर देने के लिए ‘मो

सड़कें और विकास

आजकल जब किसी मोदी समर्थक से पूछा जाता है कि मोदी के विकास के वादों का क्या हुआ तो वह देश भर में बनी नयी सड़कों की ओर ईशारा करता है और कहता है कि देखो विकास तो हो रहा है। देश भर में हो रही सड़कों के न

छुट्टा पूंजीवाद, भ्रष्टाचार और राजनेता

पूंजीवाद में हमेशा से ही भ्रष्टाचार की कानूनी और गैर-कानूनी सीमा रेखा अत्यन्त धुंधली रही है। कानूनी गैर-कानूनी तथा गैर-कानूनी कानूनी बनता रहा है। इसी के हिसाब से भ्रष्टाचार सदाचार और सदाचार भ्रष्टा

आलेख

/modi-sarakar-waqf-aur-waqf-adhiniyam

संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।

/china-banam-india-capitalist-dovelopment

आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता। 

/amerika-aur-russia-ke-beech-yukrain-ki-bandarbaant

अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं। 
    

/yah-yahaan-nahin-ho-sakata

पिछले सालों में अमेरिकी साम्राज्यवादियों में यह अहसास गहराता गया है कि उनका पराभव हो रहा है। बीसवीं सदी के अंतिम दशक में सोवियत खेमे और स्वयं सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने जो तात्कालिक प्रभुत्व हासिल किया था वह एक-डेढ़ दशक भी कायम नहीं रह सका। इस प्रभुत्व के नशे में ही उन्होंने इक्कीसवीं सदी को अमेरिकी सदी बनाने की परियोजना हाथ में ली पर अफगानिस्तान और इराक पर उनके कब्जे के प्रयास की असफलता ने उनकी सीमा सारी दुनिया के सामने उजागर कर दी। एक बार फिर पराभव का अहसास उन पर हावी होने लगा।

/hindu-fascist-ki-saman-nagarik-sanhitaa-aur-isaka-virodh

उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया है। इस संहिता को हिंदू फासीवादी सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही है। संहिता