(अंश)
1.
घुस आया है तेंदुआ
वे मुग्ध हैं उसके हिंसक अंदाज पर
गर्व करते हैं फूल माला से लाद देते हैं
पर लोग हैरान हैं कि यह तो तेंदुआ है!
2.
जब हम बेखबर रहते
तेंदुआ दूर तक की चालें सोचता
शिकार को आंखों में रखता
और सदा ही विलोम रचता है
मसलन
कहता है अच्छे दिन
बुरे दिन हो जाते हैं
नारा बेटी बचाओ
यौन शोषण का लाइसेंस बन जाता है
कहता है सहमति
असहमति को दिखाता जेल का रास्ता
कहता है विकास
विनाश हो जाता है
कहता है शिक्षा
बच्चे छोड़ देते परीक्षा
कहता है सबका साथ
दंगा करा दिया जाता है
रोजगार
बेरोजगारी में
खरीदना
बेचने में और
व्यवस्था
वोट की गणित में बदल जाती है
अब की है उसने शांति की बात
चाकू खंजर भाला त्रिशूल की
बात चल निकली है
जब-जब वह खतरों की बात उठाता है
तब समझ लेना चाहिए
कि कोई नाव खतरे में नहीं
पूरी नदी खतरे में है।