सूडान में जारी गृहयुद्ध: अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय शक्तियों की भूमिका
सूडान में पिछले तीन महीनों से गृहयुद्ध जारी है। यह गृहयुद्ध सेना प्रमुख जनरल अब्दल फतह अल-बुरहान और रेपिड सपोर्ट फोर्स के मुखिया मोहम्मद हामदान डगालो के बीच सूडान पर वर्च
सूडान में पिछले तीन महीनों से गृहयुद्ध जारी है। यह गृहयुद्ध सेना प्रमुख जनरल अब्दल फतह अल-बुरहान और रेपिड सपोर्ट फोर्स के मुखिया मोहम्मद हामदान डगालो के बीच सूडान पर वर्च
पश्चिम एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव से अमरीकी साम्राज्यवादी परेशान हैं। वे अभी तक पश्चिमी एशिया को अपने प्रभाव क्षेत्र के बतौर मानते रहे हैं। पश्चिमी एशिया के अधिकांश शासक अमरीकी छत्रछाया के नीचे र
19 से 21 मई तक जी-7 संगठन की वार्षिक बैठक हिरोशिमा, जापान में सम्पन्न हुई। हिरोशिमा जापान के उन 2 शहरों में से एक है जहां अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने द्वितीय विश्व युद्ध के खात्मे के वक्त परमाणु बम
संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय सरकार के कर्ज चुकाने में असमर्थ हो जाने की संभावना पर काफी चर्चा हो रही है। स्वयं अमेरिका की वित्तमंत्री जैनेट मेलेन दुनिया पर एक बड़े खतरे के मंडराने को लेकर चेतावनी
आने वाली 9-10 सितम्बर को देश की राजधानी दिल्ली में जी-20 का शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। इस बार भारत इसकी अध्यक्षता कर रहा है और मोदी सरकार इसे अपनी विशेष उपलब्धि बता रही है। क्या जी-20
सूडान लम्बे समय से अस्थिरता का शिकार रहा है। इस समय सूडान की सेना के प्रमुख और एक मिलिशिया के प्रमुख के बीच सत्ता पर नियंत्रण के लिए संघर्ष चल रहा है। सेना के प्रमुख जनरल अब्दल फतह अल-बुरहान है
फ्रांस में पेंशन सुधारों के खिलाफ लगभग समूचा मजदूर वर्ग बीते कई महीनों से संघर्ष कर रहा है। फ्रांसीसी मजदूर वर्ग काम करने की उम्र 62 से 64 वर्ष किये जाने के सरकारी फरमान को स्वीकारने को तैयार न
चीन की मध्यस्थता में हुए साऊदी अरब और ईरान के बीच समझौते से अशांत पश्चिम एशिया में शांति की दिशा में प्रयास शुरू हो गये हैं। इन शांति प्रयासों से इस क्षेत्र में इजरायल काफी हद तक पश्चिम एशिया के शा
28 मार्च को मैक्सिको की एक प्रवासी जेल में आग लगने से 39 शरणार्थियों मारे गये। इसके अलावा 29 लोग घायल भी हो गये जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। ये सभी शरणार्थी संयुक्त राज्य अमेरिका में शरण
आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था।
ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।
ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को