चूहा घुस गया बिल में

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बेचारे चूहे को हर समय खतरा रहता है। और जब उसे बहुत खतरा दिखायी देता है तो वह सीधे अपने बिल में घुस जाता है। डरा-सहमा चूहा जब अपने बिल में पहुंच जाता है तो उसे बड़ी राहत मिलती है। बिल में अपने को सुरक्षित महसूस करता है। चूहे के बिल को ढूंढ़ना मुश्किल है और डरे हुए चूहे का अपने बिल से बाहर आना और भी मुश्किल है।
    
एक ऐसा चूहा इजरायल का प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी है। जो आजकल अपने बिल में कहीं घुसा हुआ है। वह बहुत शेखी बघारता फिरता था। एक दिन हिजबुल्ला का एक राकेट उसके निजी निवास के बेडरूम की खिड़की से क्या टकराया कि नेतन्याहू के पसीने छूट गये। उसे हर ओर खतरा ही दिखाई देने लगा। 
    
डर के मारे उसने अपना आवास छोड़ दिया। और सीधे जमीन के नीचे बंकर में चला गया। 19 अक्टूबर को नेतन्याहू के घर पर हमला हुआ था तब से वह सार्वजनिक स्थलों से लगभग गायब है। अपनी ‘युद्ध सरकार’ की मीटिंग वह छुप-छुप कर कभी एक जगह तो कभी दूसरी जगह बंकरों में करता-फिरता है। दुश्मन को घर में घुसकर मारने वाले को जब उसके घर में घुसकर उसके बेडरूम को निशाना बनाया गया तो उसके शरीर के रौंगटे खड़े हो गये। डर के मारे अपना घर छोड़ दिया कि अब तो दुश्मन उसके घर तक पहुंच गया है। 
    
चूहा एकदम डर गया है। डर के मारे उसकी आंखें फैल गयी। उसकी धड़कन की आवाज उसे ही डरा रही है। अब देखने वाली बात यह है कि चूहा अपने बिल में भी सुरक्षित है कि नहीं। पता नहीं कहीं कोई सांप-वाप वहां आ गया तो चूहे का राम ही जाने क्या होगा। 

आलेख

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संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।

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