राजनीति

‘सामाजिक न्याय’ के झण्डे में छेद ही छेद

    इस वक्त ‘सामाजिक न्याय’ का मुद्दा गरमाने के लिए नीतिश कुमार, एम.के.स्टालिन से लेकर राहुल गांधी ने कमर कसी हुयी है। ‘सामाजिक न्याय’ को सुनिश्चित कराने के लिए जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है।

केशवानन्द भारती मामले के पचास साल बाद

    पचास साल पहले 24 अप्रैल 1973 को सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानन्द भारती मामले में अपना फैसला सुनाया था। इस फैसले में सर्वोच्च न्यायालय के सभी 13 न्यायाधीशों में से 7 ने यह कहा कि संविधान का एक बुन

पाठ्यक्रम से डार्विन की छुट्टी

    मोदी सरकार का फासीवादी अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी अभियान की कड़ी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बहाने पाठ्यक्रमों में परिवर्तन किया जा रहा है। कहने को तो छात्रों पर कई पाठों का बोझ घटाया जा

भारत : सबसे ज्यादा आबादी वाला देश

    पिछले दिनों यह खबर आयी कि भारत ने आबादी के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। वह दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया। ऐसे मौके पर मजाकिया ढंग से देश के रहनुमा को बधाई दी जा सकती है।

‘जिसकी जितनी आबादी, उसका उतना हक’

‘जिसकी जि    कांग्रेस पार्टी ने आजकल एक नया नारा दिया है- ‘जिसकी जितनी आबादी, उसका उतना हक’। उसे लगता है कि यह नारा आने वाले चुनावों में उसका बेड़ा पार लगायेगा। जनता के विभिन्न हिस्से उसे हाथों-हाथ

भाजपा का दोगला चरित्र

    हमारे देश में दोहरा चरित्र दर्शाने वाले ऐसे तमाम नेता, राजनेता, सांसद, विधायक बेनकाब होते रहे हैं जो बातों में, प्रवचनों में महिलाओं की बराबरी, महिलाओं के सम्मान, महिला सशक्तिकरण की डींगें हांक

भाजपा का दोगला चरित्र

    हमारे देश में दोहरा चरित्र दर्शाने वाले ऐसे तमाम नेता, राजनेता, सांसद, विधायक बेनकाब होते रहे हैं जो बातों में, प्रवचनों में महिलाओं की बराबरी, महिलाओं के सम्मान, महिला सशक्तिकरण की डींगें हांक

चुनाव और भ्रष्टाचार का मुद्दा

भारत में चुनाव और भ्रष्टाचार के मुद्दे का सनातनी साथ है। चाहे आम चुनाव हों अथवा किसी राज्य के विधानसभा के चुनाव हों, भ्रष्टाचार का मुद्दा, प्रकट हो ही जाता है। चुनाव के ठीक पहले भ्रष्टाचार का मुद्द

भानुमती का कुनबा, कांग्रेस और हिन्दू फासीवादी

2024 के लोकसभा चुनाव को अब बहुत ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। इसी के हिसाब से पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपने-अपने दांव चल रहे हैं। इस बीच जैसे-जैसे मोदी सरकार ने विपक्ष को धराशायी करने के लिए तमाम हथकं

आलेख

/modi-sarakar-waqf-aur-waqf-adhiniyam

संघ और भाजपाइयों का यह दुष्प्रचार भी है कि अतीत में सरकार ने (आजादी के बाद) हिंदू मंदिरों को नियंत्रित किया; कि सरकार ने मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड या ट्रस्ट बनाए और उसकी कमाई को हड़प लिया। जबकि अन्य धर्मों विशेषकर मुसलमानों के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुसलमानों को छूट दी गई। इसलिए अब हिंदू राष्ट्रवादी सरकार एक देश में दो कानून नहीं की तर्ज पर मुसलमानों को भी इस दायरे में लाकर समानता स्थापित कर रही है।

/china-banam-india-capitalist-dovelopment

आजादी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह उग्र भूमि सुधार करेगी और जमीन किसानों को बांटेगी। आजादी से पहले ज्यादातर जमीनें राजे-रजवाड़ों और जमींदारों के पास थीं। खेती के तेज विकास के लिये इनको जमीन जोतने वाले किसानों में बांटना जरूरी था। साथ ही इनका उन भूमिहीनों के बीच बंटवारा जरूरी था जो ज्यादातर दलित और अति पिछड़ी जातियों से आते थे। यानी जमीन का बंटवारा न केवल उग्र आर्थिक सुधार करता बल्कि उग्र सामाजिक परिवर्तन की राह भी खोलता। 

/amerika-aur-russia-ke-beech-yukrain-ki-bandarbaant

अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं। 
    

/yah-yahaan-nahin-ho-sakata

पिछले सालों में अमेरिकी साम्राज्यवादियों में यह अहसास गहराता गया है कि उनका पराभव हो रहा है। बीसवीं सदी के अंतिम दशक में सोवियत खेमे और स्वयं सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने जो तात्कालिक प्रभुत्व हासिल किया था वह एक-डेढ़ दशक भी कायम नहीं रह सका। इस प्रभुत्व के नशे में ही उन्होंने इक्कीसवीं सदी को अमेरिकी सदी बनाने की परियोजना हाथ में ली पर अफगानिस्तान और इराक पर उनके कब्जे के प्रयास की असफलता ने उनकी सीमा सारी दुनिया के सामने उजागर कर दी। एक बार फिर पराभव का अहसास उन पर हावी होने लगा।

/hindu-fascist-ki-saman-nagarik-sanhitaa-aur-isaka-virodh

उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया है। इस संहिता को हिंदू फासीवादी सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही है। संहिता