अपनी न्यायपूर्ण एवं कानून सम्मत मांगों के साथ लंबे समय से संघर्ष कर रहे बेलसोनिका के मजदूर अंततः प्रबंधन की हठधर्मिता एवं श्रम विभाग व प्रशासन के अधिकारियों के मजदूर विरोधी रुख के कारण हड़ताल पर जाने को बाध्य हो गये। हालांकि 1 जून को प्रबंधन के साथ एक समझौते के साथ मजदूरों की हड़ताल व अनशन समाप्त हो गया। हड़ताल के दौरान लगातार तीन दिनों तक चली लम्बी वार्ताओं के पश्चात निलंबित 10 मजदूरों को काम पर वापस लेने पर सहमति बनी। 17 बर्खास्त व 3 निलम्बित नेतृत्वकारी मजदूरों पर आगे बात होना तय हुआ।
गौरतलब है कि बेलसोनिका यूनियन खुली-छिपी छंटनी के खिलाफ पिछले दो वर्षों से संघर्ष कर रही है। प्रबंधन ने पिछले वर्ष 2022 में 3 स्थाई श्रमिकों को बर्खास्त कर दिया था। उसके बाद 17 मार्च 2023 को 3 यूनियन पदाधिकारियों को निलम्बित कर दिया गया। तदुपरान्त प्रबंधन द्वारा 30 मार्च 2023 को 10 श्रमिकों को यूनियन गतिविधियों के कारण निलंबित कर दिया। 7 अप्रैल 2023 को 3 पुराने ठेका श्रमिकों को जिनको यूनियन की सदस्यता दी गई थी, को बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद 21 अप्रैल 2023 को प्रबंधन ने 11 श्रमिकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। इस तरह प्रबंधन अब तक लगभग 13 श्रमिकों को निलम्बित व 17 श्रमिकों को नौकरी से बर्खास्त कर चुका था।
3 मार्च 2023 को सहायक श्रम आयुक्त गुड़गांव की मध्यस्थता में चली वार्ता व 21 मार्च 2023 को अतिरिक्त उपायुक्त महोदय गुड़गांव की मध्यस्थता में चली समझौता वार्ता के दौरान यूनियन व प्रबंधन को यथास्थिति व शांति बनाए रखने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन प्रबंधन ने श्रम विभाग व प्रशासनिक अधिकारी के निर्देशों को ठेंगा दिखा दिया। यूनियन ने शिकायतों, सामूहिक मांग पत्रों व ज्ञापन के माध्यम से विवाद को निपटाने की गुहार लगाई। लेकिन यूनियन की गुहार को सभी अधिकारी अनदेखा कर रहे थे।
अंततः यूनियन ने 4 मई 2023 से क्रमिक अनशन शुरू करने का निर्णय लिया। 4 मई 2023 को यूनियन के दो पदाधिकारी यूनियन के महासचिव अजीत सिंह व यूनियन के उप प्रधान राजपाल क्रमिक अनशन पर बैठे। प्रबंधन ने लगातार जारी क्रमिक अनशन व धरने को उठाने के लिये काफी तीन तिकड़म कीं, जिसमें वह असफल रहा। लेकिन 26 मई को कंपनी को कोर्ट से 32 अनशनकारी मजदूरों के खिलाफ 200 मीटर का स्टे मिल गया।
प्रबंधन के अड़ियल रवैए के खिलाफ बेलसोनिका यूनियन को 29 और 30 मई को सामूहिक भूख हड़ताल पर जाना पड़ा। 17 बर्खास्त और 13 निलंबित मजदूरों के साथ उनके परिवारों की महिलाएं भी गेट पर चल रहे धरने में भूख हड़ताल पर बैठीं जबकि कंपनी में कार्यरत मजदूरों ने कंपनी के अंदर भूख हड़ताल की। 29 मई 2023 की भूख हड़ताल के बाद भी प्रबंधन, श्रम विभाग और सरकार टस से मस न हुए।
दिनांक 30 मई 2023 को प्रबंधन द्वारा यूनियन को एक पत्र धरना उठाने के बारे शाम 3ः00 बजे दिया गया जिसके बाद श्रमिकों में रोष बढ़ गया। शाम 3ः20 बजे जैसे ही बी शिफ्ट के मजदूर कंपनी के अंदर गये तो ए व बी शिफ्ट के मजदूर फैक्टरी के अंदर ही बैठ गये और हड़ताल शुरू हो गई। 1 जून की दोपहर तक तीनों शिफ्टों के मजदूर फैक्टरी परिसर के अंदर हड़ताल पर बैठे रहे। जबकि प्रबंधन हड़ताल को तोड़ने के हरसंभव प्रयास कर रहा था।
30 मई 2023 से फैक्टरी में हड़ताल के बाद श्रम विभाग तथा प्रशासन हरकत में आया। श्रम विभाग सायं 8 बजे ही कंपनी में पहुंच गया। रात 9 बजे से सुबह 4 बजे तक सहायक श्रमायुक्त महोदय की मध्यस्थता में यूनियन व प्रबंधन की वार्ता चली। लेकिन प्रबंधन ने यूनियन की किसी भी मांग पर कोई बातचीत नहीं की। प्रबंधन ने कहा कि यूनियन पहले हड़ताल खोले व धरना उठाए तब ही प्रबंधन यूनियन की मांगों पर कोई बातचीत करेगा। यूनियन ने प्रबंधन को कहा कि 3 मार्च 2023 के सहायक श्रमायुक्त महोदय, गुरुग्राम के निर्देशों को लागू करवाया जाए। जिसमें दोनों पक्षों को यथास्थिति व शांति बनाए रखने के निर्देश दिए गए थे। प्रबंधन ने यूनियन की इस बात को खारिज कर दिया। वार्ता असफल रही।
इसी तरह दूसरे दौर की वार्ता में भी प्रबंधन अड़ा रहा। तीसरे दौर की वार्ता में भी प्रबंधन इसी स्थिति में था पर अधिकारियों के दबाव में अंततः उसे 10 मजदूरों को जांच के बाद काम वापसी के प्रस्ताव पर सहमत होना पड़ा। अब जब हड़ताल खत्म हो गयी है तब 1 जून के फैसले को लागू करवाने व अन्य मांगों पर किसी नतीजे पर पहुंचाने को मजदूर जद्दोजहद कर रहे हैं।
फिलहाल बेलसोनिका मजदूरों को कुछ अवकाश ही मिला है। प्रबंधन की छंटनी की मंशा को विफल करने के लिए मजदूरों को अभी आगे और संघर्ष करना पड़ेगा। अपनी एकता मजबूत बना व इलाके के अन्य मजदूरों के समर्थन से बेलसोनिका मजदूर प्रबंधन के हमले को विफल कर सकते हैं। -गुड़गांव संवाददाता