BST कंपनी की महिला मजदूरों का संघर्ष

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पंतनगर/ सिडकुल पंतनगर के सेक्टर -09, प्लाट संख्या -09 में BST कम्पनी स्थित है। यहां के मजदूर गैर कानूनी मिलबंदी के खिलाफ संघर्षरत हैं। महिला मजदूरों के नेतृत्व में 11 मार्च 2025 को मजदूरों ने कलेक्ट्रेट रुद्रपुर (उत्तराखंड) में दिन भर प्रदर्शन किया। यह देखकर जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम रुद्रपुर मजदूरों के बीच पहुंचे। उन्होंने मजदूरों से कहा कि डीएम मजदूरों के इस तरह से कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने से नाराज हैं व प्रशासन आपकी सुनवाई कर रहा है। जिला प्रशासन द्वारा उसी समय तत्काल उपश्रमायुक्त को बुलाया गया। मजदूरों के सामने एसडीएम ने उन्हें काफी डांट-फटकार लगाई। तत्काल कार्यवाही का निर्देश दिया। हालांकि प्रशासन आम तौर पर अपने को पाक साफ दिखाने को ऐसी हरकत करते रहता है। 
    
इसके पश्चात् उपश्रमायुक्त रुद्रपुर पांच-सात मजदूर प्रतिनिधियों को श्रम भवन रुद्रपुर स्थित अपने कार्यालय में ले गए। तत्काल कम्पनी के खिलाफ कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। इस पर महिला मजदूरों ने एसडीएम और डीएलसी रुद्रपुर को चेतावनी दी कि जब तक कम्पनी मालिक के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जायेगी तब तक महिला मजदूरों के नेतृत्व में सभी मजदूर कलेक्ट्रेट रुद्रपुर में ही धरने पर बैठे रहेंगे। इसके पश्चात् श्रमिक प्रतिनिधि श्रम भवन रुद्रपुर में और मजदूर कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गए। 
    
इस दौरान मजदूरों ने एसडीएम और डीएलसी को अवगत कराया गया कि कम्पनी मालिक कम्पनी की गैरकानूनी मिलबंदी के दौरान निरंतर कम्पनी से अवैध रूप से चोरी छिपे कच्चा-पक्का माल और यहां तक कि स्क्रेप भी बाहर निकाल चुका है। अब गैरकानूनी रूप से चोरी-छिपे मशीनों को उठाने की साजिश रची जा रही है। ताकि कम्पनी का उत्तराखंड राज्य से बाहर गैरकानूनी पलायन किया जा सके। उनसे एक स्वर में मांग की गई कि तत्काल कम्पनी को सीलबंद करके विवाद के समाधान होने तक कम्पनी को प्रशासन के नियंत्रण और निगरानी में लिया जाये। कम्पनी की गैरकानूनी मिलबंदी खत्म कराके सभी 500 मजदूरों की सवेतन कार्यबहाली कराई जाये।
    
27 जनवरी 2025 को हुई त्रिपक्षीय संराधन वार्ता के दौरान कम्पनी प्रबंधन द्वारा स्वयं ही यह स्वीकारा गया था कि कारखाने में 450 श्रमिक कार्यरत हैं जो कि वार्ता के कार्यवृत्त में दर्ज है। उत्तराखंड राज्य का कानून कहता है कि जिन कारखानों में 300 या उससे ज्यादा मजदूर काम करते हैं उनकी मिलबंदी करने से पूर्व कम्पनी मालिक को उत्तराखंड शासन से पूर्व अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य शर्त है। उत्तराखंड शासन की अनुमति के बिना ऐसे कारखानों की मिलबंदी करना पूर्णतः गैरकानूनी कृत्य है। जिस हेतु मांग की गई कि श्रम विभाग और जिला प्रशासन BST कंपनी मालिक के विरुद्ध तत्काल उत्तराखंड/उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा -14(B) के तहत विधिक कार्यवाही अमल में लाये। 
    
साथ ही चेतावनी भी दी गई कि न्याय नहीं मिला तो आंदोलन तेज किया जायेगा।
    
दिन भर चली कवायद के बाद एएलसी रुद्रपुर द्वारा 11 मार्च को ही कम्पनी को औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा -6(W) के उल्लंघन पर कारण बताओ नोटिस भेजा। 18 मार्च 2024 तक जवाब देने का निर्देश दिया गया है। अन्यथा नियमानुसार कानूनी कार्यवाही करने की चेतावनी दी गईं है। साथ ही इस नोटिस की कापी सिडकुल चौकी इंचार्ज को इस आशय के साथ में प्रेषित की गई है कि इस दौरान कम्पनी से मशीनों और उपकरणों को बाहर ले जाने से रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही व व्यवस्था की जाये। इस नोटिस की प्रतिलिपि अगले दिन 12 मार्च को मजदूर प्रतिनिधियों को भी हस्तगत की गई। साथ ही मजदूरों को मिलबंदी के दौरान जनवरी व फरवरी माह का वेतन भुगतान कराने हेतु डीएलसी द्वारा मजदूर प्रतिनिधियों को एक प्रपत्र हस्तगत किया। सभी मजदूरों की सूची बनाकर बकाया वेतन की धनराशि दर्ज करके जमा करने के तत्काल बाद ही वेतन वसूली करने का आश्वासन दिया गया। इस सारी कार्यवाही के पूर्ण होने के बाद ही मजदूर कलेक्ट्रेट रुद्रपुर से उठे। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान इंकलाबी मजदूर केंद्र के कार्यकर्ता मजदूरों के बीच उपस्थित रहे। उन्हें निरंतर समर्थन, निर्देशन देते रहे।
    
31 दिसंबर 2024 से कम्पनी की अविधिक मिलबंदी हुई थी तबसे करीब ढाई माह तक श्रम विभाग और जिला प्रशासन मूकदर्शक बने रहे। किन्तु 11 मार्च के उक्त प्रदर्शन के दौरान जिला प्रशासन और श्रम विभाग द्वारा विद्युत गति से की गई उपरोक्त कार्यवाही आज के दौर में अत्यंत असमान्य और असहज सी प्रतीत हो रही है। जिससे मजदूरों को सावधान रहना होगा। मजदूरों को शिफ्ट बनाकर कम्पनी की निगरानी करने को चौकस रहना चाहिए। ताकि कम्पनी मालिक कम्पनी से एक भी मशीन और उपकरण ना उठा पाये। पुलिस और प्रशासन के भरोसे हाथ पर हाथ धरे रहने से काम नहीं बनेगा। मशीनें और अन्य उपकरण उठ गए तो मजदूरों को इसका बहुत ज्यादा खामियाजा उठाना पड़ेगा।
    
आज के दौर में जबकि सिडकुल पंतनगर में अधिकतर ट्रेड यूनियन और मजदूर औद्योगिक केंद्र सिडकुल में और कलेक्ट्रेट रुद्रपुर में धरना प्रदर्शन करने के अपने अधिकारों को खो चुके हैं। ऐसे में डाल्फिन कम्पनी की महिला मजदूरों के संघर्ष के कुछ ही समय बाद BST कंपनी की महिला मजदूरों के ये तेवर भविष्य में मजदूर संघर्ष के प्रति उम्मीद पैदा करते हैं। 
        -पंतनगर संवाददाता
 

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