फिरोजाबाद/ फिरोजाबाद शहर में चूड़ी उत्पादन प्रक्रिया में नियोजित/कार्यरत चूड़ी जुड़ाई मजदूरों को चूड़ी जुड़ाई कार्य हेतु केरोसिन मिट््टी का तेल सेवायोजकों द्वारा उपलब्ध कराया जाता था लेकिन पिछले चार साल से फ्री सेल सफेद मिट्टी के तेल के नाम पर एमटीओ खुले बाजार से जुड़ाई मजदूर खरीदने को मजबूर हैं। मिलावटी मिट्टी का तेल (एमटीओ) अत्यधिक ज्वलनशील होने के कारण आए दिन डिब्बी फटने से आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं। अब तक 300 से अधिक जुड़ाई श्रमिक जलने से घायल हो चुके हैं और 16 श्रमिक अपनी जान गंवा चुके हैं। इस सन्दर्भ में कई बार ज्ञापन-धरना एवं अनशन करने के बाद भी समस्या का निराकरण न होने से श्रमिकों में असंतोष व्याप्त है।
चूड़ी जुड़ाई प्रक्रिया में 6 सदाई/झलाई करने वाले कुशल श्रमिक, जुड़ाई करने में 7 कुशल श्रमिक, छंटाई करने में 3 कुशल श्रमिक, चकलाई करने में 2 अर्ध कुशल श्रमिक, तोड़े लाने ले जाने वाले 2 अकुशल श्रमिक मिलकर आठ घण्टे में 100 तोड़ों को तैयार कर पाते हैं जिन्हें 2200 रुपए प्रति सैकड़ा से लेकर 2600 रुपए प्रति सैकडा तोड़ा की दर से मजदूरी का भुगतान होता है। इस आधार पर एक श्रमिक को औसतन एक सौ दस रुपए से एक सौ तीस रुपए की मजदूरी बमुश्किल मिल पा रही है जो कि न्यूनतम वेतन से बहुत कम है जिससे श्रमिकों में असंतोष व्याप्त है।
2017 में तत्कालीन सहायक श्रम आयुक्त श्री राजीव कुमार की पहल पर तत्कालीन जिला अधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने अपर मुख्य सचिव श्रम एवं आयुक्त खाद्य एवं रसद को पत्र लिखकर सर्वे कराने एवं मिट्टी का तेल उपलब्ध कराने का अनुरोध शासन से किया था। 2019 में तत्कालीन जिला अधिकारी श्रीमती सेल्वा कुमारी जी ने आठ घण्टे में 100 तोड़ो को तैयार करने में लगने वाले श्रमिकों की वास्तविक संख्या का पता लगाने के लिए श्रम विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त टीम गठित करके सर्वे कराया गया था लेकिन जिलाधिकारी के स्थानान्तरण के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
मजदूरों के आक्रोश को शान्त करने के लिए शासन ने 6 मई 2021 को जुड़ाई मजदूरों की श्रेणी वार मजदूरी की दरें निर्धारित करते हुए न्यूनतम वेतन की राजाज्ञा जारी की थी लेकिन उक्त शासनादेश का सेवायोजकों द्वारा पालन नहीं किया गया, साथ ही शासनादेश में न्यूनतम वेतन अधिनियम का पालन नहीं किया गया है। निर्धारित न्यूनतम वेतन में प्रति मजदूर औसतन 140 रुपए प्रति दिन है, उसका भी पालन नहीं हुआ जिससे मजदूरों में असंतोष व्याप्त है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने वेतन भुगतान अधिनियम में नगद भुगतान पर रोक लगाते हुए मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान मजदूरों के बैंक खातों में सीधे करने का प्रावधान किया था लेकिन फिरोजाबाद के मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान बैंक खातों में नहीं किया जा रहा है जिससे मजदूरों में असंतोष व्याप्त है।
चूड़ी जुड़ाई प्रक्रिया के श्रमिकों ने रामदास मानव के नेतृत्व में अपनी विभिन्न मांगों का मांग पत्र सहायक श्रमायुक्त को सौंपा है और उनसे औद्योगिक शान्ति बनाए रखने हेतु श्रमिकों की समस्याओं का विधिपूर्वक समाधान कराने की मांग की है। मांग पत्र में ये मांगें की गयी हैं :-
1. जुड़ाई श्रमिकों की जान बचाने के लिए मिट्टी के तेल के नाम पर बेचे जा रहे अत्यधिक ज्वलनशील एमटीओ की बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए।
2. सेवायोजकों को केरोसिन उपलब्ध कराया जाए।
3. जुड़ाई करते समय डिब्बी फटने से लगी आग लगने से जल कर घायल हुए मजदूरों को पांच-पांच लाख रुपए एवं मृतकों को दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए।
4. चूड़ी जुड़ाई प्रक्रिया में आठ घण्टे में 100 तोड़ो पर लगने वाले 20 श्रमिकों के आधार पर नया शासनादेश जारी होने तक 100 तोड़ो की मजदूरी 9000 रुपए प्रति सैकड़ा तोड़ा दिलाई जाय।
5. मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान मजदूरों के बैंक खातों में सीधे कराया जाए।
6. जुड़ाई मजदूर उत्पादक नहीं हैं फिर भी सेवायोजकों द्वारा चटक, भंगार, बड़ी खराब के नाम पर अवैध कटौती की की जा रही है, अवैध कटौती रोकी जाए।
मजदूरों ने अपनी मांगों का 10 जून तक समाधान न होने पर सहायक श्रमायुक्त कार्यालय पर 11 जून 2024 से धरना-अनशन शुरू करने और 15 जून 2024 से कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। -फिरोजाबाद संवाददाता