पंतनगर/ दिनांक 9 अक्टूबर 2023 को गैरकानूनी तरीके से वेतन कटौती से नाराज विश्वविद्यालय पंतनगर में कार्यरत ठेका मजदूर सुरक्षा गार्डों ने एस.आई.एस. ठेकेदार के कार्यालय रुद्रपुर में प्रदर्शन किया और शीघ्र वेतन कटौती बंद कर काटी गई मजदूरी वापस कराने के लिए मांग उठाई।
बताते चलें कि विश्वविद्यालय पंतनगर में एस.आई.एस. ठेकेदार के माध्यम से लगभग तीन सौ से अधिक ठेका मजदूर सुरक्षा गार्ड के रूप में करीब 15-20 वर्षों से लगातार कार्यरत हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन पंतनगर हर साल नया ठेकेदार तैनात करता है। हर ठेकेदार कभी रजिस्ट्रेशन के नाम पर तो कभी वर्दी के नाम पर, बीमा के नाम पर, बिना बताए हर माह इनकी तनख्वाह से वेतन कटौती कर धोखाधड़ी करता रहता है। एस.आई.एस. ठेकेदार द्वारा वर्दी के नाम पर दो बार 2250-2550 रुपए कटौती कर दी गई। इसके बाद हर माह 400-500 रुपए की कटौती की जा रही है। इन मजदूरों द्वारा दो वर्ष पूर्व किसान मेला में की गई ड्यूटी का वेतन भुगतान तक नहीं किया गया है। इन मजदूरों को ठेकेदार एवं मुख्य नियोक्ता विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा वेतन पर्ची तक नहीं दी जाती। इतना ही नहीं इन मजदूरों को यह भी नहीं पता कि इनकी प्रतिदिन मजदूरी कितनी है। कि इन्हें सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन, महंगाई भत्ता दिया भी जाता है या नहीं। अन्य ठेका मजदूरों को सार्वजनिक अवकाश दिया जाता है पर सुरक्षा विभाग में कार्यरत ठेका मजदूर सुरक्षा गार्डों को वर्ष में 11 दिनों का सार्वजनिक अवकाश तक नहीं दिया जाता। मांग करने पर ट्रांसफर, तो काम से निकालना, काम नहीं देने की सजा दी जाती है।
वेतन पर्ची एवं गैर कानूनी वेतन कटौती को लेकर ठेका मजदूरों ने ठेकेदार एवं विश्वविद्यालय प्रशासन पंतनगर से कई बार लिखित एवं मौखिक रूप से न्याय की गुहार लगाई पर कोई सुनवाई नहीं हुई। मुख्य नियोक्ता विश्वविद्यालय प्रशासन के अफसर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़, ठेकेदार को बचाने का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय के अफसर ने यह कहकर कि तुम ठेकेदार के कर्मचारी हो, इन मजदूरों से बात करने से ही मना कर दिया। विश्वविद्यालय अफसर छोटी-छोटी सी बात पर ठेका मजदूर सुरक्षा गार्डों से गाली-गलौच, काम करने के बावजूद गैर हाजिरी लगा कर मजदूरी काट देने, काम से निकालते-बिठाते रहते हैं। यदि यह मजदूर सुरक्षा गार्ड ठेकेदार के हैं तो विश्वविद्यालय प्रशासन के अफसर इन मजदूरों की सुपरविजन, गैर हाजिरी करने, ट्रांसफर करने, काम से निकाला-बैठाली आखिर क्यों करते हैं? इसी से नाराज दर्जनों ठेका मजदूर सुरक्षा गार्डों ने एस.आई.एस. ठेकेदार के कार्यालय रुद्रपुर पर शोषण-उत्पीड़न के खिलाफ हल्ला बोल प्रदर्शन किया और वेतन से काटी गई मजदूरी वापस कराने की मांग की। मजदूरों के आंदोलन से घबराकर एस.आई.एस. प्रबंधन द्वारा शीघ्र वेतन से काटी गई मजदूरी वापस कराने और दो वर्ष पूर्व किसान मेला में गार्डों द्वारा की गई ड्यूटी की अतिशीघ्र मजदूरी के भुगतान का आश्वासन दिया गया है। -पंतनगर संवाददाता