उत्तर प्रदेश के बलिया शहर में ही दिन दहाड़े एक छात्र नेता की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी। दिनांक 11 अप्रैल को बलिया के टी.डी. कालेज का छात्र नेता हेमन्त यादव पुत्र मनराज यादव ग्राम धड़सरा(पुर) थाना पकड़ी जिला बलिया, बलिया शहर के ही एस.सी.कालेज में परीक्षा देकर निकला ही था कि पहले ही घात लगाकर बैठे अपराधी हाकी, डण्डे, लोहे की राड आदि से हेमन्त यादव पर टूट पड़े। हेमन्त तुरंत ही चोटिल होकर गिर पड़े। उनके साथ उनका साथी आलोक यादव ग्राम जीरा बस्ती को भी बुरी तरह मारा-पीटा गया जिसका इलाज वाराणसी में चल रहा है।
देखने में लग सकता है कि यह हत्या एक सामान्य हत्या है व कुछ लड़के आपस में किसी बात को लेकर झगड़ा किए होंगे जिससे मारपीट में किसी की मौत हो गयी। जानकारी यह मिली कि पिछले साल हेमन्त टी.डी.कालेज में छात्र संघ का चुनाव लड़ना चाहता था किन्तु स्थिति अच्छी न होने से इस वर्ष लड़ने हेतु तैयारी कर रहा था। हेमन्त व्यवहारिक व सामाजिक, राजनीतिक व्यक्ति था और छात्रों के बीच से उभरता हुआ नेतृत्वकारी चेहरा बनता जा रहा था। उसकी आने वाले समय में छात्र संघ के पदाधिकारी से लेकर आगे की राजनीति में आगे बढ़ने की उम्मीद प्रबल होती जा रही थी जिससे सवर्ण जाति व मानसिकता के लोगों को जलन होने लगी। दूसरे गुट के पूर्व पदाधिकारी छात्र संघ में अपने चेले चपाटों को अध्यक्ष बनवाना चाहते थे। इसलिए हेमन्त यादव को रास्ते से हटाने की योजना बनी और अंत में क्रूरता से उसकी हत्या कर दी गयी है।
इसी तरह की एक और घटना बलिया जिले में पिछले दिनों हुई थी जिसमें भाजपा के बड़े स्तर के कार्यकर्ता तक जेल गये थे। बलिया शहर के रहने वाले असलहा व्यवसायी नन्दलाल गुप्ता ने अपना कारोबार बढ़ाने के लिए सूदखोरों से सूद पर पैसा लिया था। नन्दलाल गुप्ता के परिजनों द्वारा मीडिया को बताया गया कि जितना पैसा नन्दलाल गुप्ता ने लिया था, उससे कई गुना ज्यादा पैसा लौटा दिया था। सूदखोरों का कहना था कि वो तो केवल हर माह मूलधन का ब्याज था। जब तक पूरा मूलधन वापस नहीं करते तब तक वसूली होती रहेगी। व्यापारी द्वारा पैसा देने में असमर्थता जताने पर सूदखोरों ने व्यापारी के कान पर पिस्टल सटाकर उसकी करोड़ों रुपये की जमीन को मात्र कुछ लाख में रजिस्ट्री करा ली जिसके बाद में व्यापारी नन्दलाल ने आत्महत्या कर ली थी। इसका लाइव वीडियो बनाकर व्यापारी ने सोशल मीडिया पर डाल दिया था। जिसको लेकर आम जनमानस में व विपक्षी पार्टियों ने कानून व्यवस्था का राज होने पर सवाल उठा दिया था। जो प्रदेश व देशस्तर की खबर बनने लगी। जिले में सामाजिक-राजनीतिक संगठनों व व्यक्तियों द्वारा जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जाने लगा तब आनन-फानन में आरोपियों की गिरफ्तारी हो पायी जिसमें भाजपा के बड़े कार्यकर्ता जो ब्लाक के प्रमुख प्रतिनिधि, पूर्व प्रधान व बड़े कालेजों के प्रबंधक वगैरह थे, की गिरफ्तारी हुई।
उपरोक्त दोनों घटनाओं में अपराधी सवर्ण मानसिकता से ग्रस्त व सवर्ण जाति के ब्राह्मण व राजपूत बिरादरी के लोग थे, जिनको किसी न किसी रूप में प्रदेश की योगी सरकार जो जातीय मानसिकता से ग्रस्त होकर काम कर रहे हैं, का संरक्षण प्राप्त था। अपराधी अपराधी होता है उसकी कोई जाति नहीं होती है किन्तु सत्ता में बैठा मुखिया ही जातीय मानसिकता रखता हो तो उसके चेले-चपाटों व छोटे स्तर के कार्यकर्ताओं की क्या स्थिति होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसी घटनाओं व ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ व्यापक लामबंदी की जरूरत है। -लालू तिवारी, बलिया