कामरेड जी एन साईंबाबा को श्रद्धांजलि

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सपनों की कलम  -मौमिता आलम

मत पूछो कभी कि कैसे होती है 
एक कामरेड की मौत?
एक पेड़ की तरह
पहले उसे उखाड़ा जाता है 
घर से
फिर
कैद करके रखा जाता है अंडा सेल में 
बगैर रौशनी और बारिश 
बादलों और हवा के,
राज्य मिटा देना चाहता है पेड़ को 
सुखा देना चाहता है पौधे को पूरा का पूरा
फिर राज्य
शनैः शनैः, थोड़ा थोड़ा, टुकड़े दर टुकड़े 
चिकित्सकीय रूप में बहुत बारीकी से 
लिखता है उसका मृत्यु प्रमाणपत्र।
बेशक वे कर सकते हैं हत्या 
एक पेड़ की
पर कैसे कर सकते हैं खत्म
पेड़ों की उन हजार जड़ों को
जो अंकुरित हुई हैं उनकी रोशनाई से 
उनकी व्हील चेयर के पहियों से?
कभी मत करो शोक
एक कामरेड की मौत का
अपने चारों ओर देखो
तुम्हें हमेशा नजर आएगा एक पेड़
लहराते हुए अपनी पत्तियां
बिगुल सा फूंकते हुए 
युद्ध जारी है!
और 
साईं बाबा कभी नहीं मरते!

आलेख

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