
पंतनगर/ 37 दिनों तक आमरण अनशन पर रहने के बाद डालफिन के मजदूरों का संघर्ष भाजपा के प्रदेश मंत्री विकास शर्मा के आश्वासन के पश्चात 26 नवम्बर को समाप्त हो गया था। भाजपा प्रदेश मंत्री द्वारा आमरण अनशनकारी महिला मजदूरों को आश्वासन दिया था कि उनकी डालफिन कंपनी के मालिक से बात हुई है और वह चरणबद्ध तरीके से मजदूरों को काम पर लेगा। पहले चरण में सभी महिला मजदूरों व विकलांग मजदूरों की कार्यबहाली होगी उसके पश्चात अलग-अलग चरणों में बाकी मजदूरों की कार्यबहाली होगी। जल्द ही इस हेतु कंपनी प्रबंधन सूचित करेगा। इस पर सभी मजदूरों की सहमति पश्चात आमरण अनशन व धरना समाप्त हो गया था।
अस्पताल प्रशासन द्वारा 37 दिनों से आमरण अनशन पर बैठी महिला मजदूरों को 29 नवम्बर को ही डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया। अनशनकारी महिला मजदूर कृष्णा देवी की डिस्चार्ज होने के पश्चात तबियत काफी खराब हुई थी जिनका बरेली में प्राइवेट अस्पताल में इलाज चला।
कंपनी प्रबंधन द्वारा काफी दिनों बाद पहले 15 मजदूरों को 20 से 25 दिसंबर तक बाद में 25 मजदूरों को 1 से 5 जनवरी तक काम पर लौटने के दो नोटिस जारी किये। वायदे के अनुरूप इन नोटिसों में सभी महिला मजदूरों व विकलांग मजदूरों की कार्यबहाली की बात नहीं थी। भाजपा प्रदेश मंत्री से फोन करने पर कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिला। मजदूरों में इससे पुनः आक्रोश व निराशा फैली।
आक्रोशित मजदूरों ने कंपनी प्रबंधन के नोटिस के अनुरूप काम पर जाने के स्थान पर भाजपा के स्थानीय विधायक, प्रदेश मंत्री व प्रशासन के वायदा खिलाफी के विरुद्ध 15 दिसम्बर को गांधी पार्क में धरना व प्रेस कान्फ्रेंस आयोजित करने व आगामी निकाय चुनाव में ऐसे नेताओं के खिलाफ रणनीति बनाने की घोषणा की।
कुछ निराश मजदूरों द्वारा इस दौरान कंपनी से अपना फुल एंड फाइनल हिसाब ले लिया गया है। जिन मजदूरों ने हिसाब लिया है उन्हें 20-25 हजार से 50-55 हजार रुपये तक पैसा कंपनी ने दिया है। मजदूरों से कई सादे कागजों व सादे एफिडेविट पर हस्ताक्षर करवाने के अलावा मजदूर नेताओं के बहकावे में आने की बात भी लिखवाई गई है।
15 दिसम्बर के कार्यक्रम की घोषणा करने के पश्चात पुनः भाजपा प्रदेश मंत्री व कंपनी प्रबंधन सक्रिय हो गये और 16 दिसंबर को मजदूर नेताओं की कंपनी मालिक के साथ वार्ता रखी है, जिस पर मजदूर नेताओं द्वारा 15 दिसम्बर के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।
श्रम विभाग द्वारा लेबर कोर्ट में भेजे गये ठेका मजदूरों व गेटबंदी के शिकार मजदूरों के केस में कोर्ट के सम्मन प्राप्त हो गये हैं। कोर्ट में 19 दिसम्बर की तारीख लगी है। मजदूरों द्वारा भी अवैधानिक गेटबंदी के खिलाफ एएलसी-डीएलसी कार्यालय रुद्रपुर में शिकायत पत्र लगाया गया है। -रुद्रपुर संवाददाता