बरेली/ बरेली जिले की फरीदपुर तहसील के गांव पिपरथरा में दिनांक 11 जुलाई को दलित समुदाय के एक गरीब परिवार के व्यक्ति सचिन दिवाकर की गांव की ही ठाकुर बिरादरी के दबंग युवकों के द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह गांव उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को मुंह चिढ़ा रहा है जो यह दावा करती है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था कायम है और कोई दबंग कमजोर को सता नहीं सकता। यह गांव हमारे देश के संविधान को भी आंखें दिखा रहा है जो देश के नागरिकों को इस बात का हक देता है कि कोई भी उनसे जाति, धर्म, नस्ल और लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा। यह गांव देश के नागरिकों को संविधान में मिले लोकतांत्रिक अधिकारों की धज्जियां उड़ा रहा है। समाज में जाति व्यवस्था का कोढ़ इस कदर जड़े जमाए है कि वह दलित जातियों के प्रति घृणा और भेदभाव को कायम रखे हुए है। इस गांव का इतिहास रहा है कि पिछले 30 सालों में इस गांव में 45 हत्याएं हो चुकी हैं और 120 परिवारों का पलायन हो चुका है। गांव में स्थिति यह है कि दलित समुदाय का कोई व्यक्ति नए कपड़े पहनकर नहीं निकल सकता, शर्ट की जेब में मोबाइल नहीं रख सकता, दलित जाति के व्यक्ति को तथाकथित ऊंची जाति के व्यक्ति के लोगों को खड़े होकर राम-राम बोलना पड़ता है। 4000 की आबादी वाले इस गांव में 80 मुस्लिम परिवारों, 20 गोस्वामी परिवारों और 20 अन्य जातियों के परिवारों का पलायन हो चुका है। गांव में रोजगार के साधन नहीं हैं। पिछले कई सालों से गांव में सड़क नहीं बनी है।
इसी गांव में दलित जाति के सचिन दिवाकर के यहां पुत्र का जन्म होता है। 11 जुलाई को उसके घर में गांव के ही ठाकुर जाति के विकास, अक्कू, आकाश और कल्लू घुस आते हैं और उससे जबरन मिठाई और शराब की मांग करने लगते हैं। इसका विरोध करने पर वे लोग सचिन दिवाकर को उठाकर ले जाते हैं और जामुन के पेड़ से बांधकर लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से जमकर पीटते हैं और परिवार को धमकी देते हैं कि तुम साले धोबी गांव छोड़कर भाग जाओ वरना सब को मार देंगे। परिवार के लोग सचिन का इधर-उधर इलाज कराते रहते हैं। अंततः सचिन की गंभीर चोटों के कारण 30 जुलाई को मृत्यु हो जाती है। सचिन की मृत्यु होने के बाद भी पुलिस दबंगों के खिलाफ एफआईआर नहीं लिखती है। जब दलित संगठन गाडगे यूथ ब्रिगेड व बहुजन आम पार्टी ने सचिन के परिवार से मिलकर पुलिस पर दबाव बनाया तब जाकर दिनांक 1 अगस्त 2023 को पुलिस ने दबंगों पर एफआईआर दर्ज की। इसके बावजूद पुलिस ने सचिन दिवाकर को मारने वाली सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। सचिन के परिवार को आरोपी लगातार धमकियां दे रहे हैं कि मुकदमा वापस लो वरना तुम को भी मार देंगे। दिनांक 13 अगस्त को गाडगे यूथ ब्रिगेड और बहुजन आम पार्टी के सदस्य पुनः सी.ओ. फरीदपुर से मिले और इस बात की शिकायत करते हुए सचिन के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की।
जातिवाद और जातिगत भेदभाव आज भी हमारे समाज की कड़वी सच्चाई है। इसके खिलाफ जातिवाद विरोधी संघर्ष खड़ा करना होगा और दलितों सहित मजदूरों-मेहनतकशों को एकजुट करना होगा। -बरेली संवाददाता
योगी राज में बढ़ता जातीय उत्पीड़न
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