बोइंग कम्पनी के 30,000 मजदूरों की हड़ताल जारी

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अमेरिका की विमान बनाने वाली कम्पनी बोइंग के 30,000 मजदूर 14 सितम्बर से हड़ताल पर हैं। ये मजदूर अपने वेतन में वृद्धि, पेंशन आदि की मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल की वजह से कम्पनी को 1 माह के भीतर 1 अरब डालर का नुकसान हो चुका है। साथ ही विमानों की डिलीवरी का भी समय आगे बढ़ जायेगा।
    
14 सितम्बर को जब यह हड़ताल शुरू हुई थी तब बोइंग कम्पनी 25 प्रतिशत वेतन वृद्धि (4 साल की अवधि के लिए) की बात कर रही थी लेकिन मजदूरों ने इसे नकार दिया। मजदूर चार सालों की अवधि में 40 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांग कर रहे थे। बाद में कम्पनी ने अपना फाइनल आफर 30 प्रतिशत का दिया लेकिन मजदूर नहीं माने और हड़ताल पर चले गये। कम्पनी ने यूनियन के खिलाफ अनुचित श्रम अभ्यास का मुकदमा डाल दिया। अभी तक न तो कम्पनी और न ही मजदूर पीछे हटने को तैयार हैं। मजदूर बोनस के साथ बीमारी की छुट्टियां बढ़ाने की भी मांग कर रहे हैं। इसके अलावा वे उस निश्चित पेंशन की भी मांग कर रहे हैं जो एक दशक पहले उनसे छीन ली गयी थी।
    
बोइंग कम्पनी ने हाल ही में नये सी ई ओ कैली आर्टबर्ग को नियुक्त किया है जिसने आते ही कुल कर्मचारियों के 10 प्रतिशत को ले आफ देने की घोषणा कर दी है। इनमें ऊपर के अधिकारियों से लेकर नीचे तक के मजदूर शामिल हैं। ज्ञात हो कि बोइंग के दुनिया भर में 1,70,000 कर्मचारी हैं। इस तरह आने वाले महीनों में कम से कम 17,000 कर्मचारियों की छंटनी बोइंग करने वाली है। बोइंग कम्पनी इसके लिए अपनी आर्थिक स्थिति को जिम्मेदार ठहरा रही है।
    
बोइंग के बनाये जा रहे विमानों में सुरक्षा की दृष्टि से दो गलतियां इस साल हुई हैं जिसने उसके द्वारा बनाये जा रहे विमानों की गुणवत्ता पर सवाल उठाये हैं। गुणवत्ता में आयी इस कमी का दोष भी कम्पनी कर्मचारियों पर डाल कर उनकी छंटनी करने का बहाना बना रही है।
    
इसके साथ ही शेयरों में गिरावट आना, कम्पनी की खराब आर्थिक स्थिति, कम्पनी को बाजार में टिकाये रखने के लिए खर्चों को कम करना भी कर्मचारियों की छंटनी का कारण कम्पनी बता रही है। कुछ विमानों को बनाने का काम कम्पनी 2027 के बाद आर्डर पूरा होने के बाद बंद कर देगी। 
    
कम्पनी प्रबंधन बेशक अपने द्वारा की जा रही छंटनी को जायज ठहराये परन्तु जिन मजदूरों ने अपनी जिंदगी के महत्वपूर्ण साल कम्पनी को दिये हैं, कम्पनी का मुनाफा बढ़ाया है, उनकी अपने हक के लिए लड़ाई जायज है।

आलेख

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इस समय, अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूरोप और अफ्रीका में प्रभुत्व बनाये रखने की कोशिशों का सापेक्ष महत्व कम प्रतीत हो रहा है। इसके बजाय वे अपनी फौजी और राजनीतिक ताकत को पश्चिमी गोलार्द्ध के देशों, हिन्द-प्रशांत क्षेत्र और पश्चिम एशिया में ज्यादा लगाना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में यूरोपीय संघ और विशेष तौर पर नाटो में अपनी ताकत को पहले की तुलना में कम करने की ओर जा सकते हैं। ट्रम्प के लिए यह एक महत्वपूर्ण कारण है कि वे यूरोपीय संघ और नाटो को पहले की तरह महत्व नहीं दे रहे हैं।

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आंकड़ों की हेरा-फेरी के और बारीक तरीके भी हैं। मसलन सरकर ने ‘मध्यम वर्ग’ के आय कर पर जो छूट की घोषणा की उससे सरकार को करीब एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान बताया गया। लेकिन उसी समय वित्त मंत्री ने बताया कि इस साल आय कर में करीब दो लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होगी। इसके दो ही तरीके हो सकते हैं। या तो एक हाथ के बदले दूसरे हाथ से कान पकड़ा जाये यानी ‘मध्यम वर्ग’ से अन्य तरीकों से ज्यादा कर वसूला जाये। या फिर इस कर छूट की भरपाई के लिए इसका बोझ बाकी जनता पर डाला जाये। और पूरी संभावना है कि यही हो। 

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ट्रम्प द्वारा फिलिस्तीनियों को गाजापट्टी से हटाकर किसी अन्य देश में बसाने की योजना अमरीकी साम्राज्यवादियों की पुरानी योजना ही है। गाजापट्टी से सटे पूर्वी भूमध्यसागर में तेल और गैस का बड़ा भण्डार है। अमरीकी साम्राज्यवादियों, इजरायली यहूदी नस्लवादी शासकों और अमरीकी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की निगाह इस विशाल तेल और गैस के साधन स्रोतों पर कब्जा करने की है। यदि गाजापट्टी पर फिलिस्तीनी लोग रहते हैं और उनका शासन रहता है तो इस विशाल तेल व गैस भण्डार के वे ही मालिक होंगे। इसलिए उन्हें हटाना इन साम्राज्यवादियों के लिए जरूरी है। 

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आज भी सं.रा.अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक और सामरिक ताकत है। दुनिया भर में उसके सैनिक अड्डे हैं। दुनिया के वित्तीय तंत्र और इंटरनेट पर उसका नियंत्रण है। आधुनिक तकनीक के नये क्षेत्र (संचार, सूचना प्रौद्योगिकी, ए आई, बायो-तकनीक, इत्यादि) में उसी का वर्चस्व है। पर इस सबके बावजूद सापेक्षिक तौर पर उसकी हैसियत 1970 वाली नहीं है या वह नहीं है जो उसने क्षणिक तौर पर 1990-95 में हासिल कर ली थी। इससे अमरीकी साम्राज्यवादी बेचैन हैं। खासकर वे इसलिए बेचैन हैं कि यदि चीन इसी तरह आगे बढ़ता रहा तो वह इस सदी के मध्य तक अमेरिका को पीछे छोड़ देगा।