सिस्टम की लापरवाही ने ले ली छात्रा की जान

सिस्टम की लापरवाही ने स्कूल जा रही छात्रा की जान ले ली। 7 जुलाई 2023 को 10वीं में पढ़ने वाली मठ लक्ष्मीपुर की छात्रा लक्ष्मी स्कूल जाते समय पानी भरी सड़क में फिसल गई। क्यूंकि सड़क पर बहुत पानी भरा था इसलिए लक्ष्मी अनजाने में ट्रांसफार्मर की फेसिंग की चपेट में आ गयी क्योंकि ट्रांसफार्मर से कई दिनों से तारों के जरिये पानी में करंट दौड़ रहा था। 
    
इलाके के पार्षद के साथ मौहल्ले वालों ने बिजली विभाग के अफसरों से कई बार शिकायत की लेकिन अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया। अगर समय रहते ट्रांसफार्मर की समस्या ठीक की जाती और दूसरी बात कि सड़क पर गड्ढे व पानी नहीं भरा होता तो लक्ष्मी की जान बच जाती। पूरा परिवार बहुत सदमे में है। 
    
बरेली में 50-52 भाजपा के पार्षद हैं और अभी हुए नगर निगम के चुनाव में भाजपा के मेयर डा.उमेश गौतम दुबारा मेयर बने हैं। जीतने के बाद वही कहावत ‘वोट लिया खिसक गया और कुर्सी पर चिपक गया’। 
    
हम आप जानते ही हैं कि डा. उमेश गौतम विदेश घूमने में मस्त हैं, कहीं नयी दुकान का फीता काटने में, कभी किसी टाउनशिप का फीता काटने में व्यस्त हैं उन्हें गरीबों की बस्ती में झांकने तक का समय नहीं है।     -दिलीप, बरेली 

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आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था। 

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ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।

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ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती। 

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अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को